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________________ कल्प. ३९ हिन्दी [19] [२०] [२१] श्रीसंभवनाथ स्वामिके निर्वाणसे दश लाख श्री अजितनाथ स्वामिके निर्वाणसे तीस श्री ऋषभदेव स्वामिके निर्वाणसे पचास कोटि सागरोपमे श्रीअभिनंदन स्वामिनिर्वाण, लाख कोटि सागरोपमे श्रीसंभवनाथ निर्वाण, लाख कोटि सागरोपमे श्री अजितनाथ निर्वाण, उसके बाद ४२ हजार तीन वर्ष साढे आठ उसके बाद ४२ हजार तीन वर्ष साढे आठ उसके बाद ४२ हजार तीन वर्ष साढे आठ महिने न्यून दश लाख कोटि सागरोपमे श्री महिने न्यून वीस लाख कोटि सागरोपमे श्री महिने न्यून पचास लाख कोटि सागरोपमे महावीर निर्वाण, उसके बाद नवसौ अस्सी महावीर निर्वाण, उसके पीछे नवसौ अस्सी श्रीमहावीर स्वामिनिर्वाण, उसके पीछे नवसौ वर्षे पुस्तकवाचनादि ॥ ३ ॥ वर्षे पुस्तकवाचनादि ॥ २ ॥ अस्सी वर्षे पुस्तकवाचनादि ॥ १ 11 गुजराती- [१९] [२०] [२१] श्री अजितनाथना निर्वाणथी त्रीस लाख श्री ऋषभ निर्वाणथी पंचास लाख कोडि श्रीशंभव निर्वाणथी दस लाख कोडि सागरोपमई श्रीअभिनंदन निर्वाण, तिवारपछी कोटि सागरोपमहं श्रीसंभव निर्वाण, तिवार- सागरोपमे श्री अजित निर्वाण, तिवारपछी त्रीणि त्रीणि वर्ष साढाआठ मास बइतालीस सहस्र पछी त्रीणि वर्ष साढाआठ मास बइतालीस वर्ष साढाआठ मास बइतालीस सहस्र वर्ष वर्ष एतलई न्यून दस लाख कोडि सागरो - सहस्र वर्ष एतले न्यून वीस लाख कोडि सा- एतलई न्यून पंचास लाख कोडि सागरोपमई पम श्रीवीर निर्वाण, तिवारपछी नव शत गरोपमइं श्रीवीर निर्वाण, तिवारपछी नव शत श्रीवीर निर्वाण, तिवारपछी नव शत अइसी अइसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ॥ ३ ॥ | अइसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ॥ २ ॥ वर्ष पुस्तकवाचनादि ॥ १ ॥
SR No.600342
Book TitleKalpsutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayvijay Gani
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1915
Total Pages622
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_kalpsutra
File Size39 MB
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