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उत्तराध्ययन
॥ ३७१ ॥
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वणओ । रसओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ २७ ॥ गंधओ जे भवे दुब्भी, भइए से उ वण्णओ । रसओ फासओ चेव भइए संठाणओवि अ ॥ २८ ॥ रसओ तित्तए जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ २९ ॥ रसओ कडुए जे उ, भइए से उ. वण्णओ । गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३० ॥ रसओ कसाए जे उ, भइए से उ घण्णओ । गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३१ ॥ रसओ अंबिले जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ फासओ चेत्र, भइए संठाणओवि अ ॥ ३२ ॥ रसओ महुरे जे उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ फासओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३३ ॥ फासओ कक्खडे जे उ, भइए से उ वणओ | गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३४ ॥ फासओ मउए जे उ, भइ से उवण्णओ | गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३५ ॥ फासओ उ, भइए से उ वण्णओ । गंधओ रसओ चेव, भइए संठाणओवि अ ॥ ३६ ॥
गरुए
पत्रिंशमध्ययनम्. गा २७-३६
UTR-3