________________ विशेषाव कोबाचार्य वृत्ती // 36 // SSSSSS तह कम्मघनपल्ले जीवोऽणाभोगओ बहुतरागं / सोहंतो थोबतरं गेण्हंतो पावए गंठिं // 1211 // पल्यादिहगिरिनइवत्तणिपत्थरघडणोवम्मेण पढमकरणेणं / जा गंठी कम्मठिईखवणमणाभोगओ तस्स // 1212 // ष्टान्ताःकरवितिसाभावियगमणं थाणूसरणं तओ समुप्पयणं / थाणं थाणुसिरे वा ओरुहणं वा मुइंगाणं // 1213 / / दणानि पुंजाः खिइगमणंपिव पढमं थाणूसरणं व करणमप्पुवं / उप्पयणंपिव तत्तो जीवाणं करणमनियहि // 1214 // थाणुब्व गठिदेसे गंठियसत्तस्स तत्थऽवत्थाणं / ओयरणं पिव तत्तो पुणोऽवि कम्मट्टिइविवुड़ी // 1215 // | // 361 // जह वा तिन्नि मणूसा जंतडविपहं सहावगमणेणं / वेलाइकमभीया तुरंति पत्ता य दो चोरा // 1216 // दटुं मग्गतडत्ये तत्थेगो मग्गओ पडिनियत्तो / वितिओ गहिओ तइओ समइकतो पुरं पत्तो॥१२१७॥ अडवी भवो मणूसा जीवो कम्मट्टिई पहो दीहो / गंठी य भयत्थाणं रागद्दोसा य दो चोरा // 1218 // भग्गो ठिइपरिवुड्डी गहिओ पुण गंठिओ गओ तइओ। सम्मत्तपुरं एवं जोएज्जा तिण्णि करणाइं // 1219 // उवएसओ सयं वा लहइ पहं कोइ न लभइ कोई / गंठित्थाणं पत्तो सम्मत्तपहं तहा भव्वो // 1220 // मेसज्जेण सयं वा नस्सइ जरओ न नस्सई कोई / भव्वस्स गंठिदेसे मिच्छत्तमहाजरोऽवेवं // 1221 // नासइ सयं व परिकम्मओ व जह कोदवाण मयभावो। नासह तह मिच्छमओ सयं व परिकम्मणाए वा // अप्पुव्वेण तिपुंज मिच्छत्तं कुणइ कोद्दवोवमया / अनियद्दीकरणेण उ सो सम्मइंसणं लहइ // 1223 // तित्थंकराइपूयं दळूणण्णेण वावि कज्जेण / सुयसामाइयलाहो होज अभव्वस्स गंठिम्मि // 1224 // RORSCORRORSCORECARROCALC