________________ विशेषाव कोव्याचाय नामाद्या उपक्रमाः आनुपूर्वीच वृत्ती // 29 // // 29 // HARISHABHAISASSION नामाई छन्भेओ उवक्कमो दव्वओ सचित्ताई / तिविहो य पुणो दुविहो परिकम्मे वत्थुनासे य // 925 // परिकम्मं किरियाए वत्थूणं गुणविसेसपरिणामो / तदभावे य विणासो दवाईणं जहाजोगं // 926 // खेत्तमरूवं निच्चं न तस्स परिकम्मणा न य विणासो / आहेयगयवसेण उ करणविणासोवयारोऽत्य // 927 // नावाऍ उवक्कमणं हल-कुलियाईहिं वावि खेत्तस्स / संमज्जभूमिकम्मे पंथतलागाइयाणं च // 928 // जं वत्तणाइरूवो कालो दव्वाण चेव पज्जाओ। तो तकरणविणासे कीरइ कालोवयारोस्थ // 929 // छायाएँ नालियाए व परिकम्मं से जहत्यविनाणं / रिक्वाईचारेहि व तस्स विणासो विवजासो // 930 // जं परहिययाकूयावधारणमुवकमो स भावस्स / तस्सासुभस्स मरुइणिगणियामच्चादओऽभिहिया // 931 // सीसो गुरुणो भावं जमुवक्कमए सुहं पसत्थमणो / सहियत्यं स पसत्थो इह भावोवक्कमोहिगओ // 932 // को वक्खाणावसरे गुरुचित्तोवक्कमाहिगारोऽयं / भण्णइ वक्स्वाणंगं गुरुचित्तोवक्कमो पढमं // 933 // गुरुचित्तायत्ताई वक्खाणंगाई जेण सव्वाइं। तो जेण सुप्पसन्न होइ तयं तं तहा कज्जं // 934 // जो जेण पगारेणं तुस्सइ करणविणयाणुवत्तीहिं / आराहणाऍ मग्गो सो चिय अब्वाहओ तस्स // 935 / / आगारिंगियकुसल जइ सेयं वायसं वए वुजा। तहवि य सिं नवि कूडे विरहम्मि य कारणं पुच्छे // 936 // निवच्छिएण गुरुणा भणिओ गंगा कओमुही वहइ ।संपाइयवं सीसो जह तह सव्वत्थ कायव्वं // 937 // जुत्तं गुरुमयगहणं को सेसोवकमोवओगोऽत्य ! / गुरुचित्तपसायत्थं तेऽवि जहाजोगमाओज्जा // 938 // SAHARASHTRAILWARA AL