________________ विशेषाव | सोलस रायसहस्सा सव्वबलेणं तु संकलनिबद्धं / अंछंति वासुदेवं अगडतडम्मी ठियं संतं॥नि.७१॥ आमभेषकोव्वाचार्य के घेत्तूण संकलं सो वामगहत्येण अंछमाणाणं / अँजिज विलिंपिज्ज व महुमहणं ते न चाएंति॥नि. 72 // 2 // ध्याद्याः लब्धयः दो सोला बत्तीसा सव्वबलेणं तु संकलनिबद्धं / अंछंति चक्कवष्टिं अगडतडम्मी ठियं संतं // नि.७३॥ // 258 // // 258 // घेत्तूण संकलं सो वामगहत्थेण अंछमाणाणं / अँजिज्ज विलिंपिज्ज व चक्कहरं ते न चाएंति ॥नि. 74 // जंकेसवस्सउ बलं तं दुगुणं होइ चक्कवहिस्स / तत्तो बला बलवगा अपरिमियबला जिणवरिंदा नि.७५॥ खीर-महु-सप्पिसाओवमा उ वयणा तयासवा होति / कोहयधन्नसुनिग्गलसुत्तत्था कोहबुद्धीया // 802 // 3 जो सुत्तपएण बहुं सुयमणुधावइ पयाणुसारी सो। जो अत्थपएणऽत्थं अणुसरई स बीयवुद्धी उ॥ 803 // उदय-क्खय-खउवसमो-वसमसमुत्था बहुप्पगाराओ। एवं परिणामवसा लद्धीओ होंति जीवाणं // 804 // | केई भांति वीसं लद्धीओ तं न जुज्जए जम्हा / लद्धित्ति जो विसेसो अपरिमिया ते य जीवाणं // 805 // गणहरतेयाहारयपुलायवोमाइगमणलद्धीओ / एवं बहुगाओऽविय सुवंति न संगिहीयाओ॥ 806 // आमोसही य खेले जल्ले विप्पे य होइ सब्वे य / कोटे य बीयवुद्धी पयाणुसारी य संभिन्ने // 1 // उजुमइ-विउल क्खीरे महु-अक्खीणे विउव्वि-चरणे य / विज्जाहर-अरहंता चक्की बल-वासु वीसइमे // 2 // भवसिद्धियाणमेता वीसंपि हवंति एत्थ लद्धीओ। भवसिद्धियाण महिलाण जत्तिया जाउ तं वोच्छं // 3 // 441156842048-540 का2454