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कल्प-मुबो
श्रीजिनाना
पुस्तकलि
॥१४५॥
BHASABHAROSSE
खनस्य चान्तराषि ॥१४५
बेंतालीस हजार वर्ष न्यून एवा छासठ लाख छव्वीस हजार वर्षे अधिक एकसो सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, तेवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि १० । श्रीसुविधिनाथना निर्वाणथी नव कोडी सागपरोमें श्रीशीतल निर्वाण, तिवारपछी बेतालीस हजार वर्ष त्रण वर्ष साडाआठमास एटला न्यून एक कोडी सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, तिवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ९ । श्रीचंद्रप्रभुना निर्वाणथी नेवु कोडी सागरोपमे श्रीसुविधि निर्वाण, तिवारपछी बेंतालीस हजार वर्ष त्रण वर्ष साडा आठ मास एटला न्यून दश कोडी मागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, तिवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ८ । श्रीसुपार्श्वनाथना निर्वा: | णथी नवसें कोडी सागरोपमें श्रीचंद्रप्रभ निर्वाण, तिवारपछी बेंतालीस हजार वर्ष त्रण वर्ष साडाआठ मास एटले न्युन एकसो क्रोड सागरोपमें श्वीवीर निर्वाण, तिवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ७। श्रीपद्मप्रभना निर्वाणथी नघ हजार कोडि सागरोपमें श्रीसुपार्श्व निर्वाण, तिवारपछी त्रण वर्षे साडाआठ मास तथा बेंतालीस हजार वर्ष ओछा एक हजार क्रोड सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, तेवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ६ । श्रीसुमतिनाथना निर्वाणथी नेवु हजार क्रोड सागरोपमें श्रीपद्मप्रभ निर्वाण, तिवार पछी त्रण वर्ष साडा आठ मास बेंतालीस हजार वर्ष ओछा दश हजार क्रोड सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, पछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ५। श्रीअभिनंदनना निर्वाणथी नव लाख क्रोड सागरोपमें श्रीसुमति
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