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KAKASHALA
| णथी कोटीसहस्रवर्षे श्रीमल्लिनिर्वाण, तिवारपछी पांसठ लाख चोर्यासी हजार नवसो एमी वर्षे पुस्तकवाचनादि १८ । श्रीकुंथुनाथना निर्वाण पछी कोटीसहस्रवर्षे न्यून पल्योपमने चोथे भागे श्रीअरनाथनिर्वाण, तिवा
श्रीजिनानां | रपछी सहस्रकोटी पांसठ लाख चोरासी हजार नवसो एसी वर्षे पुस्तकवाचनादि १७। श्रीशांतिनाथना
पुस्तकलिनिर्वाणधी अर्धपल्योपमें श्रीकुंथुनाथ निर्वाण, तिवारपछी पल्योपमनो चोथो भाग तथा पांसठलाख चोरासी दखनखचा
हजार नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि १६ । श्रीधर्मनाथना निर्माणथी पोणा पल्योपमे न्यून त्रण सागरो में न्तराषि |श्रीशान्तिनाथ निर्वाण, तिवार पछी पोj पल्योपम पांसठ लाख चोरासी हजार नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि १५ । श्रीअनंतनाथना निर्वाणथी चारसागरोपमें श्रीधर्मनाथ निर्वाण, तिवारपछी त्रण सागरोपम पांसठ लाख चोर्यासी हजार नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि १४ । श्रीविमलनाथना निर्वाणथी नवसागरोपमें श्रीअनंतनाथ निर्वाण, तिवारपछी सात सागरोपम उपर पांसठ लाख चोरासी हजार नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि १३ । श्रीवासुपूज्यना निर्वाणथी त्रीस सागरोपमें श्रीविमलनाथ निर्वाण, तिवारपछी सोल सागरोपम पांसठ लाख चोर्यासी हजार नवसो एंशी वर्षे पुस्तकवाचनादि १२ । श्रीश्रेयांसनाथना निर्वाणथी चोपन सागरोपमें श्रीवासुपूज्य निर्वाण, तिवारपछी छेतालीस सागरोपम पांसठ लाख चोर्यासी हजार नवसो |एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ११ । श्रीशीतलनाथना निर्वाणथी एकसो सागरोपम छासठ लाख छवीस हजार | वर्ष ओछा एवा एककोडी सागरोपमें श्रीश्रेयांस निर्वाण, तिवारपछी त्रण वर्ष साडा आठ मास अने
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