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प्रत्या
श्रीदश
ख्यानभगा:
चूर्णी.
हवा न करे वह करत नाइ मणसा वातविहेण लखा
मणसाकायसा ३ अहवान करेइ करत नाणुजाणइ मणसा वयसा ४ अहवा न करेइ करतं नाणुजाणइ मणसा कायसा ५अहवा न कर बैकालिक करतं नाणुजाणइ वयसा कायसा ६ अहवा न कारवइ करत नाणजाणह मणसा वयसा अहवा न कारवेइ करतं नाणुजाणइ मणसा
| कायसा८न कारवेइ करत नाणुजाणइ वयसा कायसा९, एते नव भंगा दविहं दुविधेण लद्धा, इदाणिं दुविहं एकविधण, न करह IHIन कारवेइ मणसा अहवा न करेइ न कारवेइ वयसा अहवा न करेइ न कारवेइ कायसा अहवा ण करेइ करेंत णाणुजाणइ मणसा
अहवा न करेइ करेंत नाणुजाणइ वयसा अहवा न करेइ करेंतं नाणुजाणइ कायसा अहवा न कारवेइ करतं नाणुजाणइ मणसा ॥१४५॥
अहवा न कारवेइ करेंतं नाणुजाणइ वयसा अहवा न कारवेइ करेंत नाणुजाणइ कायसा, एते नव भंगा दुविहं एकविहेण लद्धा, इयाणिं एकविहं तिविहेण-ण करेइ मणसा वयसा कायसा अहवा न कारवेइ मणसा वयसा कायसा अहवा करत नाणुजाणइ मणसा शवयसा कायसा, एते तिण्णिवि भंगा एक्कविहं तिविहेण लद्धा, इयाणि एकविहं दुविधेण-न करेइ मणसा बयसा अहवा न करह
वयसा कायसा अहवा न करेइ मणसा कायसा अहवा न कारवेइ मणसा वयसा अहवा न कारवेइ मणसा कायसा अहवा न कार| वेइ वयसा कायसा अहवा करत नाणुजाणइ मणसा वयसा अहवा करत नाणुजाणइ मणसा कायसा अहवा करत नाणुजाणइ वयसा कायसा, एते नव भंगा एगविहं दुविहेण लद्धा, इदाणि एक्कविहं एक्कविहेण न करेइ मणसा अहवा न करेइ वयसा | अहवा न करेइ कायसा अइवा न करावेइ मणसा अहवा न करावेइ वयसा अहवा न करावेइ कायसा अहवा करत नाणुजाणइ मणसा अहवा करतं नाणुजाणइ वयसा अहवा करेंतं नाणुजाणइ कायसा, एते नव भंगा एक्कविहं एकविहेण लद्धा, इयाणि एते सव्वेवि एगो पिंडिज्जंति, तत्थ तिविहं अणुमुयंतेण सत्त लद्धा, तिविहेण तिण्णि लद्धा, एते संपिडिया जाया दस,
॥१४५।।
GRECRRE