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________________ उपासकदशांग सानुवाद ॥८९॥ होवाने लीधे सचित्तादि द्रव्यना अभावधी पांच अभिगम कर्या नथी. कामदेव श्रावक पण पोषधवत युक्त छे माटे शंखना जेवो कह्यो छे. अहीं मूळ पाठमा 'यावत्' शब्द छे, तेथी आ वर्णन जाणवुं - 'ते कामदेव श्रावक ज्यां श्रमण भगवान् महावीर छे त्यां आवे छे. आवीने श्रमण भगवंत महावीरने त्रण वार जमणी बाजुथी प्रदक्षिणा करे छे. करीने वंदन अने नमस्कार करे छे, वंदन नमस्कार करीने अत्यन्त पासे नहि, तेम अत्यंत दूर नहि पवी रीते उभो रही शुश्रूषा करतो नमस्कार करतो सन्मुख रही हाथ जोडी पर्युपासना करे छे. 'त समणे भगवं महावीरे कामदेवस्स समणोवासयस्स तीसे य' - आ सूत्रथी आरंभी औपपातिक सूत्रमां कहेल पाठ यावत् 'धर्मकथा समाप्त थई अने परिषद् पाछी गई' त्यां सुधी कहेवो. ते आ प्रमाणे सविशेषपये बतावाय छे-त्यार बाद श्रमण भगवान् महावीर कामदेव श्रमणोपासकने अने अत्यन्त मोटी ऋषिपरिषदने, मुनिपरिषदने, यतिपरिषदने धर्म कहे छे. तेमां पश्यन्तीति जुप ते ऋषिओ-अवधि वगेरे ज्ञानवाळा, मुनि-मौनने धारण करनारा, अर्थात् वाणीनो संयम करनारा, यतयः धर्म क्रियामां प्रयत्न करनारा 'अणेगसयवंदाए' अनेक सैकडा प्रमाण वृन्द-समूह जेने विशे छे पवी, 'अणेगसयबन्दपरिवाराए' अनेक सेंकडो प्रमाण वृन्द- समूह रूप परिवार जेने विशे छे पवी परिषदने धर्म कहे छे ए संबन्ध छे. भगवान् केवा छे तेनुं वर्णन करे छे– 'ओहबले' ओघ - अव्यवच्छिन्न बल जेनुं छे पवा, 'अइबले' समग्र पुरुषो, देवो अने तिर्यचो करतां अधिक बल जेनुं छे ear, 'महाबले' मो बल जेनुं छे एवा, पनुंज सविस्तर वर्णन करे छे– 'अपरिमियबलविरयतेय माहष्पकं तिजुत्ते' अपरिमित बल- शारीरिक सामर्थ्य, वीर्य - जीव सामर्थ्य, तेज प्रकाश, माहात्म्य महानुभावपणु अने कांति रम्यता बडे युक्त, 'सारयनव मेहथणिय दुंदुभिसरे' शरद काळना नवीन मेघना स्तनित-शब्दनी पेठे मधुर शब्द जेनो छे अने दुंदुभिना जेवो स्वर जेनो छे पवा, 'उरे वित्थडाए' छातीमां विशाल, ( आ पदोनो सरस्वतीनो साथ संबन्ध छे) कारण के तेमनी छाती विस्तीर्ण छे, 'कंठे पवट्टयाए' कंठने विशे गोळाकार, कारण के गळानुं छिद्र वर्तुलाकार छे सिरे संकिण्णाप' मस्तकने विशे संकीर्ण थती, कारण के शरीरनो विस्तार मस्तक बडे सांकडो थाय २ कामदे वाध्ययन ॥८९॥
SR No.600279
Book TitleUpasakdashanga Sutra
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAbhaydevsuri
Publication Year
Total Pages184
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_upasakdasha
File Size15 MB
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