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- सनदश-चंद्र प्रज्ञप्ती सूत्रपट-उपाङ्ग 4
भागाति,अहासत्तसट्ठीभागाइ सत्तसट्टभि गंच एकतीसह छत्ता अट्ठारस भागति जाति चंद अप्पणोय परस्सचिपडिचरति,अवराति खलु दुवेतेरस भागाति जाइ चंदे,के गति
असामाणाति सयमेव पविदिता चार चरतिइन्चेला चंद लास्यायामनिव? अणुब ट्ठिय । सूर्य का क्षेत्र चले और १६॥ मा ६१ या अपना क्षेत्र चलकर चावा अर्थ मंडल संपूर्ण करे नत्पश्चात् पन्नाचे अर्थमंड पर चमे १३॥ भाग अपना क्षेत्र चोर भाग ६७ या वायव्य कून में मर्य के क्षेत्र में चले. १६॥ भाग३१ या ईशान कून में नंद क क्षेत्र प्रति चले और पन्नरहवा अर्ध मंडल ईशान कून मे संपूर्ण करे. पही नैऋत्य कून मे नीकलना हया चंद्र चउदहवे अर्ध मंडल पर २४ भाग १६७ या वायव्य जून में सूर्य क्षेत्र चलकर व १६॥ भाग ६७ या ईशान कून में अपना क्षेत्र चलकर ईशान कनमें चउदहवा अर्थ महल संपूर्ण करे, तत्पश्चात् पनाह वे अर्थ मंडल पर चलते १६॥ भाग ६७ या ईशान कून में अपना क्षेत्र चले और ३३॥ भाग ६७ या अमिकून में पर क्षेत्र चले और १६॥ भाग पर क्षेत्र चलकर पन्नर हा अर्ध मंडल संपूर्ण करे. १३ भाग ६७ या चंद्र अपना १४ वा अर्ध मंडल में प्रवेश कर पर क्षेत्र में चले. यों नैऋत्य कून से निकल कर चंद्र नैऋत्य कून में १३ भाग ६७ या पर क्षेत्र चले और ईशान कून में निकलकर ईशान कून में १३ भाग ६७ या पर क्षेत्र चले. बियालीस भाग का अर्थ एकवीस भाग ६७ या और १८ भाग ३१ या चलते चंद्र अपने १४ वे अर्ध मंडल पर जाते पर क्षेत्र पर चलकर चंद्र मास पूर्ण करे. ईशान कून से निकलता चंद्र ३॥ भाग २७ था ईशान कून के
तरहवा पाहुडा 48488
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