________________
428+
तं निक्खममाणे चेव अमावासाणं तेणं पविसमाणे चेत्र पुण्णमासएणं,एतातिं खलु जाव - चार चरति ॥ ५ ॥ ता खत्ते अदमासेणं केवइ मंडलस्स चारं चरतिता पढमाय
जागते चदे दाहिणाते सतद्धमंडलाति जातिचंदे दाहिणाए भागाते पविसमाणे चार चरति।। कतरानि खलु ताई सतद्ध मंडलाई ‘जाइ चद द हिणाए भागात पविसमाणे चारं वरति तंजहा बितिए अद्ध मंडले चउते. छट्टअट्टमं दस वारसमे चादममे अह मंडल॥ एतामिखल ताण सत्तद्धमंडलाणि जाति चंदेदाहिणाए भागाए पावसमाणे चारंचरात॥६॥
8
+ समश चंद्र प्रज्ञापत्र षष्ठ उपाऊ4101
mmamatmammmmmmmmmmmmmmwwwwwwwwwwwwwwwwww
तेरहवा पाहुडा H
सोलद भाग ३१ ये हैं जो अमाया से चंद्र पूर्ण मान मंडल के सोलह भाग में जाकर चाल, चला है. जिन के नामा आनर मंडल पर से निकलना हुवा ( अमावास्या से) और वाह्य मंडल में प्रवेश करता हुया पूर्ण स में. इस तरह दो आठ भाग यावत् चाल चला है ॥५॥ अहो भगवन् । नक्षत्र अर्ध मास में चंद्र कितने मंडल चाल चलता है ? अहो गौतम ! चंद्र की प्रथम अयन - जाते हैं दक्षिण से सात अर्ध मंडल जाकर दक्षिण मार्ग में प्रश करता हुआ चाल चलता है अर्थात् नैऋत्य कून में है से नीकलकर ईशान कृत में जाकर सात अर्ध मंडल स्पर्शता हुवा चाल चलता. अहो भगवन् ! वे सात अर्ध पंडल कौनमे २ हैं कि जो ईशान कून में जाकर स्पर्शना हुवा चाल चलना है ? अहो गौतम ! द्रा अर्थ मंडल, चौथा, छ8', अठवा, दशवा, बारहवा और रौदहवा ये सात अर्थ मंडल ईशान कून में।
air
Jain Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org