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तं समयं चणं सूरे फेणं गक्रुत्ते ? ता उत्तराहिं असाढहिं उत्तराणं असाढाणं चरम समए॥२१॥ ता एएसिगं पंचण्हं संवच्छराणं तच्चं हेमते किय आउ, चदे के ? ता पुणं पुनरमण एकवीस मुहता तवालीसंच चाट्टी भागा बाट्टी भागं सत्तसट्ठिया छेत्ता. तेत सं चुणिया भाग सेसा तं समयं चणं सूरे केणं ? ता उत्तराहिं आसाढाहिं
उत्तराणं असाढाणं चरम समए ॥२२॥ ता एएमिणं पंचण्ह संवच्छराणं चउत्थे हेमंते 26 अहो भगवन् ! उस समय मूर्य किस नक्षत्र साथ योग करता है ? अहो गौतम !
उस समय उत्तराषाढा नक्षत्र साथ सूर्य ये ग करता है, यह चरम समय में योग करके अभिजित नक्षत्र के प्रथम समय में युग थादिसे चौथी आउटी का प्रथम मध्य प्रवर्ते इश्क' गणित प्रथम भाउटी जैसे जानना ॥ २१ ॥ अहो भगान् ! इन पांच संवत्सर में तीसरा हेअंत काळ संबंधी युग से छठी आउटी कर बैठती है ? और चंद्र किस नक्षत्र साथ योग करता है ? अहो गोलम ! पुष्य नक्षत्र के तीन तारे कहे. हैं, महादी १ को पुष्य नक्षत्र का योग होता हैं यह नक्षत्र ११ मुहूर्त ४३ भाग ६२ ये ३३ भाग ६७ ये शेष रहे तब इस के प्रथम समय में छठी आउटी का योग होता हैं. अहो भगवन् ! उत्त समय सूर्य किस 4
नक्षत्र साथ योग करता है ? अहो गौतम ! उत्तराषाढा नक्षत्र साथ योग करता हैं. यह चरम समय | भोगव कर अभिजित नक्षत्र के प्रथम समय में छठो आउटी का प्रथम समय प्रवर्तता है ॥ २२ ॥११
शत-रंद्र प्रतिमूत्र षष्ठ-उपान 48.
418488- बारहवा पाहुडा
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