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सूत्र
अर्थ
अनुवादक बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
हुमागा चालीस चुण्णिया भागा सेसा पढम समए तं समयं चणं सूरे के क्ख ? ताणं पुल में तंव ॥ १७॥ता एएनिगं पंचहं संच्छराणं चविसिि आउट्टि चंदे के नक्ख तेणं? ता रेवती रेवतीणं पण्णर्व सं मुहुत्ता दुवतसंच बावट्टी भागा मुहुत्तर वाट्ठी भागंच सत्ततया छत्ता छत्रीसं चूण्णिया भागासेसा ॥ तं समयंचगं सूर्य किस नक्षत्र साथ योगता है ? अ गौतम ! उस समय सूर्य पुष्य नक्षत्र से योग करता पूष्य नक्षत्र के तीन नारे कहे हैं. इस के २६४ मुहूर्त शेष रहे और पूज्य चंद्र नक्षत्र सूर्य साथ १२ मुहूर्त १४३ भाग ६२ ये ३३ भाग ३७ ये शेष रहने पर प्रथम समय में युग की आदि से पांच आउटा के प्रथम समय में सूर्य योग करें. इस का गणित पूर्वोक्त जो जानना ॥ १७ ॥ अहां भगवन् ! इन पांच सर में चतुर्थ वर्षाकाल संबंधी युग से मातवी आउटी कर बैठे ? और चंद्र किस नक्षत्र साथ योग करे ? अहो ! श्री ७ के प्रथम समय में रेवति नक्षत्र के बत्तीम तारे
कहे हैं इन से रेवति नक्षत्र के २५ मुहूर्त ३२ भाग ३२ ये २३ चूजिये भाग ६७ ये शेष रहे तब उप के मयम समय में चंद्र योग करता है. अहो भगवन् ! उस समय सूर्य किस नक्षत्र साथ योग करता है ? अहो मौन ! पुष्य नक्षत्र के तीन तारे हैं इस मे बहुवचन में पूष्य नक्षत्र पूर्वोक्त जैसे पीछे २६४ मुहुर्त शेष रहने पर वगैरह शेष सब कथन प्रथम आउदी जैसे जानना
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१३८ मुहूर्त गये यावत् पूष्य चंद्र नक्षत्र
० प्रकाशक- राजा बहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्याला प्रमादजी •
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