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1. सगड संठिते पण्णत्ते ॥ ११ ॥ मगसिर ण खत्ते मिगसीसावलि संठिते पण्णत्ते
॥ १२ ॥ अदाणं रुहिर विंदु सठिए ॥ १३ ॥ पुण्णवसूणं तुलासंठिते ॥ १४ ॥ पसेणं बद्धमाणग संठिते षण्णत्ते ॥ १५॥ असेसाणं पडाग सठिए पत्ते ॥॥१६॥ महाणं पागार संठिए पणते ॥ १७ ॥ पवाफग्गणीणं अद्धपलियंक सठिते पण्णत्ते ॥ १८॥ उत्तरावि एवं ।। १५ ।। हत्थे हत्थ संठिते पण्णत्ते ॥ २० ॥ चित्ताणं महफलंग संढिते पण्णत्ते ॥ २१ ॥ सातिणं खीलग संढिए पते ॥ २२ ॥
विसाहाणं दामाण संठिए पण्णत्ते ॥ २३ ॥ अणुराहा णखत्ते एगावलि संठिते + गृह के आकार से... रोहिणी नक्षत्र शकट अथवा रथ की धूरी के आकार से है.६५६१२ मृगशर
1 मस्तक के संस्थान से ७७,१३ आद्र नक्षत्र रुधिर बिन्दु के सस्थान सं.है..पुनर्वसु नक्षत्र चूला संस्थान से है पूष्य नक्षत्र वर्धमान के आकारसे है,७१६ अश्लेषा नक्षत्र धजा पताकाके आकारस 368१७ मघा नक्षत्रपाकारके आकार से
है १८पूर्वाफाल्गुनी अर्ध पल्यंकके संस्थानसहै ७१९ उत्तरा फाल्गनी अर्थ फ्ल्यंक के आकारसे है • ७२० हस्त नक्षत्र हथेलीक संस्थान स २१ चित्रा नक्षत्र हुडे * कूल संस्था से है. २२ स्वाति नक्षत्र खीले के संस्थान से है, . २३ विशाखा नक्षत्र सुादामणी ।
श चंद्र प्रज्ञप्ती सूत्र षष्ट-उपार
मना पाहुइ का आठवा अंतर ५.हुडा
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