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क्खेते जेणं णक्खत्ते चत्तारि अहोरत्ते छच्चमुहुत्ते सरिएणंसद्धि जोगं जोएति अस्थि नक्खत्ते जेणं छ अहोरते एकवीसचमुहत्ते सुरिएणं
+ दशवा पाहुदे
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सप्तदश चंद्र प्राप्ति सूब
१६. का भागदेवे तब मुहूर्त होवे. अहो भगवन्! एने कितने नक्षत्र हैं कि जो चंद्रमा की साथ तीस मुहूर्त
योग करते हैं? अहो शिष्य ! ऐसे पभरह नक्षत्र हैं जिन के नाम १-श्रवण, २ धनिष्टा, ३ पूर्व भाद्रपद, रेवती, ५ अश्विनी, ६ कृत्तिका, ७ मगशर, ८ पूष्प, ९ मघा, १० पूर्वाफाल्गुनी, ११ हस्त, १२चिवा, ३ , अनुराधा१४मूल और१५ पूर्वाषाढा.ये तीम मुहूर्न से योग करते हैं क्यों की एक अहोगत्रि के६७ये ६७ भाग से योग में करते हैं. उन को मुहूर्त के भाग करते ३० गुना करे तब २०१० होवे, इस राशि को ६७ का भागदेवे व तीम मुहून होवे. अहो भगवन् ! ऐसे कितने नक्षत्र हैं कि मो चंद्र की साथ तालीस मुहर्न में योग करते हैं ? अहो शिष्य ऐसेछ नक्षत्र हैं कि जो च की साथ तालीस मुहूर्त से योग करते हैं जिन के नाम-
14 उत्तगभाद्रपद, • राहिणी, ३ पुर्वसु, ४ उत्तराफाल्गुनी, ५ विशाखा और ६ उत्तराष ढा, क्योंकि एक अहारात्रि के ६७ सद्धमठिये १००॥ भाग से चंद्रमा की माथ उक्त छ नक्षत्रों योग करते हैं. इस से इम को ३० गुना करने मे ३० १५ हुवे फीर इसे६७ का भागदेने से ४५मुहूर्न आवे.॥२॥अब मूर्य की साथ नक्षत्रों के योग का कथन करते हैं. इन अठावीस नक्षत्रों में से ऐसे नक्षत्रों है कि जो चार अहोरात्र व छ मुहूर्त में सूर्य की म.थ योग करते हैं, कितनेक ऐसे नक्षत्र है कि जो छ अहो राये २१ मुहुर्न में सूर्य'
Rani
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