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अर्थ
42 अनुवादक - बालह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
सद्धि जोगं जोएति, अस्थि नक्खत्ते जेणं नक्खत्ता तेरस अहोरते दुबालस मुहु सूरिएणं सार्द्ध जोगं जोएति, अस्थि णक्खत्ते जेणं णक्खत्ता बीसं अहोरत्ते तिन्निय
की साथ योग करते हैं, कितनेक ऐसे नक्षत्र हैं. कि जो तेरह अरात्रि और बारह मुहूर्त में सूर्य की (साथ योग करते हैं, किनेक ऐसे नक्षत्र हैं कि जो बीम अहोरात्र तीन मुहुर्त में सूर्य की साथ योग करते हैं. इन अठावीस नक्षत्र में से कौन से नक्षत्र ऐसे हैं कि जो सूर्य की साथ चार दिन व छ मुहूर्त मे योग करते हैं कौन २ नक्षत्र छ अहोरात्रे इक्कीस मुहूर्त योग करते हैं, कौन २ नक्षत्र तेरह अहोरात्र बारह मुहुर्त योग करते हैं. और कौन २ नक्षत्र हैं कि जो बीस अहोरात्र तीन मुहूर्त योग करते हैं ? उत्तर-इन अठावीस नक्षत्र में से जो नक्षत्र चार अहोरात्रि छ मुहूर्त सूर्य की साथ योग करते हैं वह एक अभिच नक्षत्र है. ऐसे जैसे पहिले चंद्र के साथ नक्षत्रों का योग कहा वैसे ही यहां करना यावत् शब्द से जो छ नक्षत्र चंद्र की साथ पन्नाह मुहूर्त योग करते हैं वे यहां सूर्य की साथ छ (अहोरात्र इक्कीस मुहूर्त योग करते हैं, जो पनरह नक्षत्र चंद्र साथ तीम मुहूर्त योग करते हैं ब (यहां सूर्य की साथ तेरह रात्रि बारह मुहूर्त में योग करते हैं, वगैरह इन अठावीस नक्षत्रो मे से जो बीस अहोरात्र व तीन मुहूर्त सूर्य की साथ योग करते है वे छ नक्षत्र हैं जिनके नाम १ उत्तरा भाद्रपद २ रोहिणी ३ पुनर्वसु ४ उत्तरा फाल्गुनी ५ विशाखा और उत्तरापाठा, जो नक्षत्र चंद्र
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• प्रकाशक - राजा बहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी
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