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कायदक-Team मुनि श्री बालक ऋमिाम
मरस बहते देर्ण साई ओगंजोएति, तेणं इनक्वत्ता तंजहा-सतमिसया, भराण, दा, मसलस्सा, साति. जेट्टा, ॥ तस्थणं केते नक्खत्ता, जेणं नक्खत्ता तिसं मुहुत परेणं साहे जोग जाति तेग पर तजहा मवण, धनिट्ठा, पुषभदवया, रेवति, अग्मिणी, कतिमा ..". एरो. रहा, पुजाफरगुणि, हरया, चित्ता, अणुराहा, मुलो, पुवास.डा, ॥ तथ त पक्खता जल गक्खत्ता पणयालीस मुहुत्ते चंदेणं साई जोगं जोएति तणं छ तजहा उत्तर भवया, रोहिणी, पुणबनु,
उन्नराफग्गुणी, विसाहा.उत्तरांस ढः ॥२॥ ता एतासिणं अट्ठावीसाए गक्खताणं अस्थि . परो शिव! एक अभिव मात्र नव महून ३ एक मुहूर्व के सहसठिये सत्तावीस माग से भोग करता है. चों की पिच नक्षत्र एक बहे रात्रि मानठिये इक्कीस भाग स चंद्रमा की मात्र योग करता है इस से २१मानको... गुना (एक अहोरात्र के सीय मुहू होने से) करने से ६३. माग होषे पीछे
..ा भाग देन मे नत्र म मराठये २७ भाग होव. अहो भगवन् ! एमे कौन से मक्षत्र कामासाद अगर पर याग करत? शिष्य ! एने छनक्षत्र.जिनके माम-1 शतभिषा वरची बाई अश्लषा ५ स्वाति और ६ जष्टा. क्योंकि एक अहो रात्रि में सडसाठये ३॥ बाबा की सार बीब फरसे , इस से २५ ॥ 1.3D10.५ इस राशिं को
- राजावहादरमहा सुखरामामपालमसारका
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