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अर्थ
4- सदश-चन्द्रमहि सून पठ-उपाङ्ग 4820
ते पोग्गला सरियं चरति, अणिट्ठाविण पोग्गला सूरियं चरति चरमले संतरगता विणं पोग्गला सुरियं चरंति आहितेति वदेजा ॥ चंदरन्नत्तीए सत्तमं पाहुडं सम्मने ॥ ॥
में सूर्य प्रकाश करता है. नहीं देखा सके बने सूक्ष्य पुल भी सूर्य का प्रकाश करे. चरम लेश्या में रहे हुवे पुलों सूर्य का प्रकाश करे, यो चंद्र प्रज्ञप्ति सूत्र में सातवा पाहुडा संपूर्ण हुवा || ७ ||
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५.२३
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