SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 41
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ H8+ षष्टमांग ज्ञाताधर्मकथा का प्रथम श्रुतस्कन्ध 488+ पिठरासी समप्पभेसु, चिउरहरियालभेय चंपग सण कोरंट सरिस पउमरय समप्पभेसु । लक्खारस सरस रत्त किंसुय जासुमण रत्तबंधुजीव गजइ हिंगुलिय सरस कुंकुम उ. रब्भससरुहिर इंदगोषगरमप्पभेम, वरहिणणीलगुलिया सुगचास पिच्छ भिंगपत्त सासग णीलप्पलणियरणवीसरीसकुसुम गवसादुलसमप्पभेसु, जच्चिं जणसिंगभेय रिटुग भमरावलि गवलगुलिय कज्जलसमप्पभेसु, कुरंत विजुतसगजिएसु वायवसविपुल गगणचवल परिसकिरेसु जिम्मलवर वारिधारा पयलियम्यंडमारुतसमाय समोच्छरंतउवरिउवरितुरिय वासंपवासिएसु धारा पहकराणिवायणिव्वाविय मेइणितलं (गर्भारव ) सहित, अग्नि से शुद्ध कीया हुवा चांदी का पट्टा, अंक नामक रत्नविशेष, शंक, चंद्र, और 2 चांवल के आटे का समुह समान वारंगाला, चिकुर,हरतालका टुकडा,चंपाके पुष्प शणवृक्षके पुष्प,कौरंटवृक्ष के दुष्प, सरिसव के पुष्प, पयकमल के रङ्ग समान पालावर्णवाला, लारुका रस, मरिसव, रक्त कि -+मंग जासूके फूल रक्त सन्धजीव हिंगल, श्रेष्ट कुम, करका रुधिर और इन्द्रगोपक (जीव विशेष) समान लाल रंगवाला, मधुर की पांख, नील नामक रत्न विशेष [ नीलम ] गलोइ, सोता व चांसकी पांख, भ्रपरकी पांख, सासक नामक वृक्ष विशेष, नीलोत्पल कमल की पराग, नव शिरीष वृक्ष के पुष्प और नविन तत्काल के नीकले हुने तृण समान हरा वर्णवाला, काला जातित सुरमा, पहिष ग भेद, अमरकी 482 उशिम (मे गकुपार ) का प्रथम अध्ययन 43 Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600253
Book TitleAgam 06 Ang 06 Gnatadharma Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages802
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_gyatadharmkatha
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy