________________
www.jainelibrary.org
-
पकाशक रामासादर गालामुखदेवमायनी BIRBी.
गुणरत्न
संवत्सरतप. ..
संवत्सरतप.. ...
तपदिनारषा
दिन
RERESEENE
AVM
انوار او اها
GIRI-ISTE
SEEGED:6001
For Personal & Private Use Only
४
०
C
-
....
, २४६ ।। ४।४।४। ४१६ ., २४ ३ । ३ । ३।३।३।३।३।३८ " १०२।२।२।२।२।२ ।२०,२९
-00 '... 10111011211१1१1१1१1१६ ३२ " 090999999ROCEROIGe aapseeeasam00000
इस का वाय-ल महिन एकान्तर उपवास, दूसर महिने बले २ पारना। तीसरे महिने तेले २ पारना, यावत् सोलके महिने में सोले २उपवास के पारना करे. दिनको उत्कटासन से सूर्य की आतापना ले और रात्रि को वस्त्र रहित बीरासन से ध्यान करे. इस तप के.सब तपदिन ४०७. पारणे के दिन ७३. यों सबदिन ४८० होते हैं जिस के१४महिने होते हैं इतने में यह तप पूर्ण होताहे + ANDAMENT
Jain Education International