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________________ बंधमाणा कति कम्मपगडीओ बंधति ?, गो० ! सवेवि ताव होज सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगा य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छबिहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छविहबंधगा य, णेरइया ण भंते ! णाणावरणिजं कम्मं बंधमाणा कति कम्मपगडीतो बंधंति ? गो० ! सवेवि ताव होजा सत्तविहबंधगा अहवा सत्तविहबधगा य अट्ठविहबंधगे य, अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य तिण्णि भंगा, एवं जाव थणियकुमारा, पुढविकाइया णं पुच्छा, गो०! सत्तविहबंधगावि अट्टविहबंधगावि एवं जाव वणप्फइकाइया, विगलाणं पंचिंदियतिरिक्खजोणियाणं तियभंगो सब्वेवि ताव होज सत्तविहबंधगा अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य, मणूसा णं भंते ! णाणावरणिज्जस्स पुच्छा, गो० ! सवेवि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा १ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अढविहबंधगा य ३ अहवा सत्तविहबंधगा य छविहबंधए य ४ अहवा सत्तविहबंधगा य छबिहबंधगा य ५ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्टविहबंधगे य छविहवंधगे य ६ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छबिहबंधगा य ७ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छबिहबंधगे य ८ अहवा सत्तविहबंधगा य अहविहबंधगा य छबिहबंधगा य ९ एवं एते नव भंगा, सेसा वाणमंतरादिया जाव वेमाणिता जहा नेरइया सत्तविहादिबंधगा भाणिता तहा भाणितवा, एवं जहा णाणावरणं बंधमाणा जहिं भणिता दंसणावरणंपि बंधमाणा तहिं जीवादीया एगत्तपोहुत्तेहिं भाणितवा, वेयणिजं बंधमाणे जीवे कति ?, गो० ! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छविहबंधए वा एगविहबंधए वा, एवं मणूसेवि, सेसा नारगादीया सत्तवि० अट्टविहबंधगा जाव वेमाणिते, जीवा णं बंधगे य २ अहवा सतरणजस्स पुच्छा, गोमय अविहबंधगे य अहवा सत्यतिरिक्खजोणिहबंधगा अविहबंधगे य छबिहबंधगा या अहवा सत्तविहबंधगा या अहवा सत्तविहबंधगा य हवा सत्तपि Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600241
Book TitlePragnapanopangamsutram Part 02
Original Sutra AuthorMalaygiri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages484
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_pragyapana
File Size9 MB
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