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प्रज्ञापनाया: मलयवृत्ती.
शक्रियापदे क्रियाणांसह भावः सू. २८४
॥४४६॥
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नेरइयाणं भंते ! कति किरियातो पं० १, गो० ! पंच किरियातो पं०, तं०-आरंभिया जाव मिच्छादसणवत्तिया, एवं जाव वेमाणियाणं । जस्स णं भंते ! जीवस्स आरंभिया किरिया क० तस्स परिग्गहिया कि कजति ? जस्स परिग्गहिया कि० तस्स आरंभिया कि०, गो०! जस्स णं जीवस्स आरंभिया कि० तस्स परिग्गहिया सिय कजति सिय नो कजति, जस्स पुण परिग्गहिया किरिया क० तस्स आरंभिया कि.णियमा क०, जस्स णं भंते ! जीवस्स आरंभिया कि० क० तस्स मायावत्तिया कि० क. पुच्छा, गो० ! जस्स णं जीवस्स आरंभिया कि० क० तस्स मायावत्तिया कि. नियमा क० जस्स पुण मायावत्ति० कि० क. तस्स आरंभिया कि० सिय कजति सिय नोक०, जस्स णं भंते ! जीवस्स आरंभिया कि० तस्स अपचक्खाणकिरिया पुच्छा, गो० ! जस्स जीवस्स आरंभिया कि० तस्स अपचक्खाणकिरिया सिय कजति सिय नो० क० जस्स पुण अपच्चक्खाणकिरिया क० तस्स आरंभिया किरिया णियमा क०, एवं मिच्छादंसणवत्तियाएवि समं, एवं पारिग्गहियावि तिहिं उवरिल्लाहिं समं संचारेतवा, जस्स मायावत्तिया कि० तस्स उवरिल्लाओ दोवि सिय कजंति सिय नो कअंति, जस्स उवरिल्लाओ दो कजंति तस्स मायावत्तिया णियमा कजति, जस्स अपच्चक्खाणकि० क० तस्स मिच्छादसणवत्तिया किरिया सिय कज्जति सिय नो कजति, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया कि० तस्स अपञ्चक्खाणकिरिया णियमा कजति । नेरइयस्स आइल्लियातो चत्तारि परोप्परं नियमा काति, जस्स एताओ चत्तारि कति तस्स मिच्छादसणवत्तिया कि० भइज्जति, जस्स पुण मिच्छादसणवत्तिया किरिया कज़ति तस्स एतातो चत्तारि नियमा कजंति, एवं जाव थणियकुमारस्स, पुढविकाइयस्स जाव चउरिंदियस्स पंचवि परोप्परं नियमा कजंति,
विनिरिseksee
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