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य तह अक्कनोंदी या ॥ ३०॥ जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं वल्लीओ ॥ से किं तं पबगा?, पव्वगा अणेगविहा पन्नत्ता, तं० - इक्खू य इक्खुवाडी वीरुणी तह एकडे य मासे य। सुंठे सरे य वेत्ते तिमिरे सतपोरग णले ॥ ३१ ॥ वंसे वेच्छू कणए कंकावंसे य चाववंसे य। उदय कुडए विसए कंडा वेल्ले य कल्लाणे ॥ ३२ ॥ जे यावन्ना तहप्पगारा, से त्तं पव्वगा ॥ से किं तं तणा ?, तणा अणेगविंहा पन्नत्ता, तं -संडिय मंतिय होत्तिय दब्भकुसे पव्वए य पोडइला । अज्जुण असाढए रोहियंसे सुयवेयखीरसे ॥ ३३ ॥ एरंडे कुरुविंदे करजर सुंठे तहा विभंगू य । महुरतण छुरय सिप्पिय बोद्धवे सुंकलितणे य ||३४|| जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं तथा ॥ से किं तं वलया १, वलया अणेगविहा पन्नत्ता, तं ० - ताल तमाले तक्कलि तोयली साली य सारकचाणे । सरले जावति केतइ कदली तह धम्मरुक्खे य ॥३५॥ मुयरुक्ख हिंगुरुक्खे लवंगुरुक्खे य होइ बोद्धवे । पूयफली खज्जुरी बोद्धव्वा णालिएरी य ॥ ३६ ॥ जे यावन्ना तहप्पगारा, से तं वलया ॥ से किं तं हरिया १, हरिया अणेगविहा पन्नत्ता, तं० - अजोरुह वोडाणे हरितग तह तंदुलेजगतणे य । वत्थल पोरग मजारयाइ बिल्ली य पालक्का ||३७|| दगपिप्पली य दव्वी सोत्तिय साए तहेव मंडुक्की । मूलग सरिसव अंबिल साय जियंतए चेव ||३८|| तुलस कण्ह उराले फणिञ्जए अजए य भूयणए । वारग दमणग मखरुयग सतपुप्फींदीवरे य तहा ॥३९॥ जे यावन्ना तहप्पगारा, से तं हरिया ।। से किं तं ओसहिओ ?, ओसहिओ अणेगविहाओ पन्नत्ताओ, तं०साली वीही गोहुम जब जवजवा कलमसुरतिलमुग्गमासणिप्फावकुलत्थआलिसंदसतीणपलिमंथा अयसीकुसुंभकोदव कंगूरालगमास कोहंसा सणसरिसवमूलिगबीया, जे यावन्ना तहप्पगारा, से चं ओसहीओ ॥ से किं तं जलरुहा ?, जलरुहा अणेगविहा पन्नत्ता, तं० - उदए अवए पणए सेवाले कलंबुया हढे कसेरुया कच्छभाणी उप्पले पउमे कुमुदे णलिणे सुभए सुगंधिए
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