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प्रज्ञापनायाः मलयवृत्ती.
१प्रज्ञापनापदे बादरपुत्येकवन. (सू. २३)
॥३२॥
से किं तं गुच्छा ?, गुच्छा अणेगविहा पन्नत्ता, तं०-चाइंगणिसल्लइथुण्डई य तह कत्युरी य जीभुमणा । रूवी आढइ णीली तुलसी तह माउलिंगी य ॥१८॥ कच्छंभरि पिप्पलिया अतसी बिल्ली य काइमाईया । वुच्चू पडोलकंदे विउव्वा वत्थलंदेरे ॥१९॥ पत्तउर सीयउरए हवति तहा जवसए य बोद्धव्वे । णिग्गुमिअंकतबरि अत्थई चेव तलउदाडा ॥२०॥ सणपाणकासमुद्दग अग्घाडग साम सिंदुवारे य । करमद्दअद्दडूसग करीर एरावणमाहित्थे ॥२१।। जाउलगमीलपरिली गयमारिणि कुव्वकारिया भंडा । जीवइ केयइ तह गंज पाडलादासिअंकोले ॥२२॥ जे यावन्ना तहप्पगारा, सेत्तं गुच्छा । से किं तं गुम्मा ?, गुम्मा अणेगविहा पन्नत्ता, तं०-सेणयए णोमालिय कोरंटय बंधुजीवगमणोजे । पिइयं पाणं कणयर कुञ्जय तह सिंदुवारे य ॥२३॥ जाई मोग्गर तह जूहिया य तह मल्लिया य वासंती । वत्थुल कत्थुल सेवाल गंठी मगदंतिया चेव ॥२४॥ चंपगजीइ णीइया कुंदो (कन्दो) तहा महाजाई । एवमणेगागारा हवंति गुम्मा मुणेयव्वा, से तं गुम्मा ॥ से किं तं लयाओ?, लयाओ अणेगविहाओ पन्नताओ, तं०-पउमलया णागलया असोग चंपगलया य चूतलता । वणलय वासंतिलया अइमुत्तय कुंदसामलया ॥२५॥ जे यावन्ने तहप्पगारा, से तं लयाओ॥ से किं तं वल्लीओ ?, वल्लीओ अणेगविहाओ पन्नत्ताओ, तं०-पूसफली कालिंगी तुंची तउसी य एलवालुंकी । घोसाडइ पंडोला पंचंगुलि आयणीली या ॥ २६ ॥ कंगूया कंडुइया कक्कोडई कारियल्लई सुभगा । कुयवाय वागली पाव वल्ली तह देवदाली य ॥ २७ ॥ अफेया अइमुत्तगणागलया कण्हसूरवल्ली य । संघट्टसुमणसावि य जासुवण कुविंदवल्ली य॥२८॥ मुद्दिय अंबावल्ली किण्हछीरालि जयंति गोवाली । पाणी मासावल्ली गुंजीवल्ली य विच्छाणी ॥२९॥ससिवी दुगोत्तफुसिया गिरिकण्णइ मालुया य अंजणई ।दहिफोल्लइ कागलि मोगली
॥३२॥
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