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________________ श्रीसमवा १२८ समवाया. यांगे -ROHIGAO श्रीअभय० वृत्तिः ॥१०४॥ सयाई वेउब्वियाणं होत्था ॥ ११०० सूत्रं ११४ ॥ महापउममहापुंडरीवदहाणं दो दो जोयणसहस्साई आयामेणं प० ॥ २००० सूत्र ११५॥ इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए वइरकंडस्स उवरिलाओ चरमंताओ लोहियक्खकंडस्स हेहिले चरमंते एस णं तिन्नि जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० ॥३००० सूत्रं ११६॥ तिगिच्छिकेसरिदहाणं चत्वारि चत्वारि जोयणसहस्साई आयामेणं प० ॥४००० सूत्रं ११७ ॥ धरणितले मंदरस्स णं पब्वयस्स बहुमज्झदेसभाए स्यगनाभीओ चउदिसिं पञ्च २ जोयणसहस्साई अथाहाए अंतरे मंदरपध्वए प०॥ ५००० सूत्रं ११८॥ सहस्सारे णं कप्पे छ विमाणावाससहस्सा प०॥६००० सूत्रं ११९ ॥ इमीसे णं रयणप्पभाए पुढवीए रयणस्स कंडस्स उवरिलाओ चरमंताओ पुलगस्स कंडस्स हेछिल्ले चरमंते एस णं सत्त जोयणसहस्साई अबाहाए अंतरे प० ॥ ७००० सूत्र १२०॥ हरिवासरम्मयाणं वासा अट्ठ जोयणसहस्साई साइरेगाई वित्थरेणं प० ॥ ८००० सूत्रं १२१ ॥ दाहिणड्डभरहस्स णं जीवा पाईपडीणायया दुहओ समुदं पुट्ठा नव जोयणसहस्साई आयामेणं प०॥ ९००० सूत्रं १२२ ॥ मंदरे णं पव्वए धरणितले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं प० ॥१०००० सूत्रं १२३ ॥ जम्बूदीवेणं दीवे एगं जोयणसयसहस्सं आयामविक्खंभेणं प० ॥१००००० सूत्र १२४ ॥ लवणे णं समुद्दे दो जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं प०॥ २००००० सूत्रं १२५॥ पासस्स णं अरहओ तिन्नि सयसाहस्सीओ सत्तावीसं च सहस्साई उक्कोसिया सावियासंपया होत्था ॥ ३००००० सूत्रं १२६ ॥ धायइखंडे णं दीवे चत्तारि जोयणसयसहस्साई चक्कवालविक्खंभेणं प०॥४००००० सूत्रं १२७॥ लवणस्स णं समुहस्स पुरच्छिमिल्लाओ चरमंताओ पञ्चच्छिमिल्ले चरमते एस णं पंच जोयणसयसहस्साई अपाहाए अंतरे प० ॥ ५००००० सूत्रं १२८ ॥ मरहे गं राया चाउरंतचक्कवट्टी छ पुव्वस ॥ लवणे अरहो ॥१०॥ सूत्र १२६ N GS JainEducation For Personal & Private Use Only Thelibrary.org
SR No.600227
Book TitleSamvayangasutram
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages326
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_samvayang
File Size6 MB
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