SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 591
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ NAGAR अगओहिओ अणंतरावमिंदिया १०१, गाओ भेदो जाव, एवं एएणं I काइया य बादरपुढविकाइया य, कण्हलेस्सा गंभंते! सुहुमपुढविकाइया कइविहा प०?, गोयमा! एवं एएणं । अभिलावेणं चउक्तभेदो जहेव ओहिउद्देसए जाव वणस्सइकाइयत्ति, कण्हलेस्सअपज्जत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते! कइ कम्मप्पगडीओ प०१, एवं चेव एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिउद्देसए तहेव पन्नत्ताओ तहेव |बंधति तहेव वेदेति । सेवं भंते! २त्ति ॥ कइविहा णं भंते ! अणंतरोववन्नगकण्हलेस्सएगिदिया पन्नत्ता?, गोयमा! पंचविहा अणंतरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया एवं एएणं अभिलावेणं तहेव दुयओ भेदो जाव वणस्सइकाइयत्ति, अणंतरोववन्नगकण्हलेस्ससुहमपुढ विकाइयाणं भंते ! कइ कम्मप्पगडीओ प०१, एवं एएणं अभिलावेणं जहा ओहिओ अणंतरोववनगाणं उद्देसओ तहेव जाव वेदेति । सेवं भंते! सेवं भंते ति॥ | कइविहाणंभंते! परंपरोववन्नगा कण्हलेस्सा एगिदिया प०१,गोयमा!पंचविहा परंपरोववन्नगा कण्ह० एगिदिया | पन्नत्ता, तंजहा-पुढविकाइया एवं एएणं अभिलावेणं तहेव चउक्कओ भेदो जाव वणस्सइकाइयत्ति, परंपरोववन्नगकण्हलेस्सअपजत्तसुहुमपुढविकाइयाणं भंते ! कइ कम्मपगडीओ प०१, एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिओ परंपरोववन्नगउद्देसओ तहेव जाव वेदेति, एवं एएणं अभिलावेणं जहेव ओहिएगिदियसए एक्कारस उद्देसगा भणिया तहेव कण्हलेस्ससतेवि भाणियवा जाव अचरिमचरिमकण्हलेस्साएगिदिया ॥ (सूत्रं ८४८)॥ बितियं एगिदियसयं सम्मत्तं ॥२॥ जहा कण्हलेस्सेहिं भणियं एवं नीललेस्सेहिवि सयं । भाणियब । सेवं भंते! २त्ति ॥ ततियं एगिदियसयं सम्मत्तं ॥३॥ एवं काउलेस्सेहिवि सयं भाणियचं नवरं Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600226
Book TitleBhagwati sutram Part 03
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1921
Total Pages654
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy