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________________ | वणस्सइकाइयाणं पज्जत्तगाणंति । अपज्जत्त सुहुमपुढविकाइया णं भंते! कति कम्मप्पगडीओ बंधति ?, गोयमा ! सत्तविहबंधगावि अट्ठविहबंधगावि सत्त० बंधमाणा आउयवज्जाओ सत्त कम्मप्पगडीओ बंधंति अट्ठ बंधमाणा | पडिपुन्नाओ अट्ठ कम्मप्पगडीओ बंधंति, पज्जत्तसुमपुढविकाइया णं भंते! कति कम्म० १, एवं चेव, एवं |सचे जाव पज्जत्तवायरवणस्सइकाइया णं भंते! कति कम्मप्पगडीओ बंधंति ?, एवं चेव । अपज्जत्तसुहुमपुढ| विकाइयाणं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ?, गोयमा ! चोद्दस कम्मप्पगडीओ वेदेति, तं०-नाणावरणिजं जाव अंतराइयं, सोइंदियवज्झं चक्खिदियवज्झं घाणिंदियवज्झं जिभिदियवज्झं इत्थिवेदवज्झं पुरिसवेदवज्यं, एवं चउक्कणं भेदेणं जाव पज्जत्तबायरवणस्सइकाइया णं भंते ! कति कम्मप्पगडीओ वेदेति ?, गोयमा ! एवं चेव चोद्दस कम्मप्पगडीओ वेदेति । सेवं भंते ! २त्ति ॥ ( सूत्रं ८४४ ) ॥ ||३३|१|| कहविहा णं भंते! अनंतशेववन्नगा एगिंदिया प० १, गोयमा ! पंचविहा अणंतरोववन्नगा एगिंदि - या प० तं०- पुढविका० जाव वणस्सइकाइया, अणंतरोववन्नगा णं भंते! पुढविक्काइया कतिविहा पं० १, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा - सुहुमपुढविकाइया य बायरपुढविकाइया य, एवं दुपएणं भेदेणं जाव वणस्स इकाइया अणंतरोववन्नगसुहुमपुढविकाइयाणं भंते! कति कम्मप्पगडीओ प० १, गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पगडीओ प० तं० - नाणावरणिजं जाव अंतराइयं, अणंतरोववन्नगबादरपुढविकाइयाणं भंते! कति कम्मप्पगडीओ प० १, गोयमा ! अट्ठ कम्मप्पयडीओ प० तं०-नाणावरणिजं जाव अंतराइयं, एवं जाव अणंतरोववन्नगबादरवण Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600226
Book TitleBhagwati sutram Part 03
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1921
Total Pages654
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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