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४) सामाइयसंजए ण भावणियसंजयं वा सुहुमसंपराजयत्त जहति सामाइय-13
GARLIAMARAGAON
प्पगडीओ उदीरेति ?, गोयमा ! सत्तविह जहा बउसो, एवं जाव परिहारविसुद्धीए, सुहमसंपराए पुच्छा, गोयमा ? छविह उदीरए वा पंचविह उदीरए वा, छ उदीरमाणे आउयवेयणिजवजाओ छ कम्मप्पगडीओ | उदीरेइ पंच उदीरमाणे आउयवेयणिजमोहणिज्ज वजाओ पंच कम्मप्पगडीओ उदीरेइ, अहक्खायसंजए पुच्छा, गोयमा! पंचविह उदीरए वा दुविह उदीरए वा अणुदीरए वा, पंच उदीरमाणे आउय सेसं जहा नियंठस्स २३ ॥ (सूत्रं ७९४) सामाइयसंजए णं भंते ! सामाइयसंजयत्तं जहमाणे किं जहति किं उवसंपजति ?, गोयमा ! सामाइयसंजयत्तं जहति छेदोवद्यावणियसंजयं वा सुहुमसंपरागसंजयं वा असंजमं वा संजमासंजमं वा उवसंपज्जति, छेओवट्ठावणिए पुच्छा, गोयमा ! छेओवट्ठावणियसंजयत्तं जहति सामाइयसंज. परिहारवि० सुहमसं० असंज. संजमासंजमं वा उव०, परिहारविसुद्धिए पुच्छा, गोयमा! परिहारविसुद्धियसंजयत्तं जहति छेदोवट्ठावणियसंजयं वा असंजमं वा उपसंपजति, सुहमसंपराए पुच्छा, गोयमा! सुहमसंपरायसंजयत्तं जहति सामाइयसंजयं वा छेओवट्ठावणियसंजयं वा अहक्खायसंजयं वा असंजमं वा उवसंपज्जइ, अहक्खायसंजए णं पुच्छा, गोयमा ! अहक्खायसंजयत्तं जहति सुहमसंपरागसंजयं वा असंजमं वा सिद्धिगतिं वा उवसंपज्जति २४ ॥ (सूत्रं ७९५) सामाइयसंजए णं भंते ! किं सन्नोवउत्ते हो० नोसन्नोव-18 उत्ते होजा?, गोयमा ! सन्नोवउत्ते जहा बउसो, एवं जाव परिहारविसुद्धिए, सुहमसंपराए अहक्खाए य जहा पुलाए २५॥ सामाइयसंजए णं भंते ! किं आहारए होजा अणाहारए होजा जहा पुलाए, एवं जाव
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