SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 264
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ व्याख्याप्रज्ञप्तिः अभयदेवीया वृत्तिः २ ॥७८९ ॥ सत्तमाए उववाएयबो एवं बंभलोगस्स लंतगस्स य कप्पस्स अंतरा समोहए पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं लंतगस्स महासुक्कस्स कप्परस य अंतरा समोहए पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं महासुक्कसहस्सारस्स य | कप्परस अंतरा पुणरवि जाव आहेसत्तमाए, एवं सहस्सारस्स आणयपाणयकप्पाण अंतरा पुणरवि जाव असत्तमाए, एवं आणयपाणयाणं आरणअच्चुयाण य कप्पाणं अंतरा पुणरवि जाव अहेसत्तमाए, एवं आरणच्चुयाणं गेवेज्जविमाणाण य अंतरा जाव अहेसत्तमाए, एवं गेवेज्जविमाणाणं अणुत्तर विमाणाण य अंतरा | पुणरवि जाव असत्तमाए, एवं अणुत्तरविमाणाणं ईसीफभाराए य पुणरवि जाव आहेसत्तमाए उववाएयो १ । (सू०६७१) आउक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए सकरप्पभाए पुढवीए अंतरा समोहए समो० २ जे भविए सोहम्मे कप्पे आउट्काइयत्ताए उववजित्तए सेसं जहा पुढविकाइयस्स जाव से तेणट्टेणं एवं पढमदोच्चाणं अंतरा समोहए जाव ईसीपन्भाराए उववाएयबो एवं एएणं कमेणं जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढवीए | अंतरा समोहए समोह० २ जाव ईसीकन्भाराए उववाएयत्रो आउक्काइयत्ताए, आउयाए णं भंते ! सोह|म्मीसाणाणं सणकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए इमीसे रयणप्पभाए | पुढवीए घणोदधिवलएसु आउकाइयत्ताए उववज्जिन्त्तए सेसं तं चैव एवं एएहिं चेव अंतरा समोहओ जाव असत्तमाए पुढवीए घणोदधिवलएसु आउक्काइयत्ताए उववाएयत्रो एवं जाव अणुत्तरविमाणाणं ईसिप Jain Education International For Personal & Private Use Only २० शतके उद्देशः ६ पृथ्व्यादीनां पूर्वपश्चादु त्पादाहारी सू ६७१. |६७२-६७३ ॥७८९ ॥ www.jainelibrary.org
SR No.600226
Book TitleBhagwati sutram Part 03
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1921
Total Pages654
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy