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पञ्चमे पुद्गलपरिणाम उक्तः, षष्ठे तु पृथिव्यादिजीवपरिणामोऽभिधीयत इत्येवंसम्बद्धस्यास्येदमादिसूत्रम्पुढविक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए सकरप्पभाए पुढवीए अंतरा समोहए समोहणित्ता जे भविए सोहम्मे कप्पे पुढविकाइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते ! किं पुछि उववजित्ता पच्छा आहारेजा पुचि | आहारित्ता पच्छा उववज्जेज्जा ?, गोयमा ! पुविं वा उववजित्ता एवं जहा सत्तरसमसए छट्टुडेसे जाव से तेणटेणं गोयमा ! एवं बुच्चइ पुचिं वा जाव उववजेजा नवरं तहिं संपाउणेजा इमेहिं आहारो भन्नति सेसं तं चेव । पुढविक्काइए णं भंते ! इमीसे रयणप्पभाए सक्करप्पभाए पुढवीए अंतरा समोहए जे भविए ईसाणे कप्पे पुढविकाइयत्ताए उववजित्तए एवं चेव एवं जाव ईसीपन्भाराए उववाएयवो। पुढविकाइए णंभंते! सक्करप्पभाए वालुयप्पभाए पुढवीए अंतरा समोहते स०२ जे भविए सोहम्मे जाव ईसिपम्भाराए एवं एतेण कमेणं जाव तमाए अहेसत्तमाए य पुढवीए अंतरा समोहए समाणे जे भविए उववाएयत्रो । पुढविकाइए || णं भंते ! सोहम्मीसाणसणंकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं अंतरा समोहए स०२ जे भविए इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए पुढविक्काइयत्ताए उववजित्तए से णं भंते ! पुर्वि उववजित्ता पच्छा आहारेजा सेसं तं चेव जाव से | तेणटेणं जाव णिक्खेवओ। पुढविक्काइए णं भंते ! सोहम्मीसाणाणं सणंकुमारमाहिंदाण य कप्पाणं अंतरा |समोहए २ जे भविए सकरप्पभाए पुढवीए पुढविकाइयत्ताए उववजित्तए एवं चेव एवं जाव अहेसत्तमाए | उववाएयबो, एवं सणंकुमारमाहिंदाणं बंभलोगस्स कप्पस्स अंतरा समोहए समोह. २ पुणरवि जाव अहे
RECASSACRANSACRECO
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