SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 114
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ छविहा, अद्धासमयो नत्थि,सेसंतं चेव सवं निरवसेसं। लोगस्सणं भंते!दाहिणिल्ले चरिमंते किं जीवा० १, एवं ४१६ शतके * उद्देशः८ प्रज्ञप्तिःचेव, एवं पञ्चच्छिमिल्लेषि, उत्तरिल्लेवि, लोगस्स णं भंते ! उवरिल्ले चरिमंते किं जीवा? पुच्छा, गोयमा ! नो लोकमहत्ता अभयदेवी- जीवा जीवदेसावि जाव अजीवपएसावि । जे जीवदेसा ते नियमं एगिदियदेसा य अणिंदियदेसा य अहवा तिचरमान्ताया वृत्तिः२४ एगिंदियदेसा य अणिदिय०३दियस्स य देसे, अहवा एगिंदियदेसा य अणिदियदेसा य दियाण य देसा, एवं दौजीवजी ॥७१४॥ मझिल्लविरहिओ जाव पंचिंदि०, जे जीवप्पएसा ते नियमं एगिंदियप्पएसा य अणिदियप्पएसा य अहवाटू वदेशादि एगिदियप्पएसा य अणिंदियप्पएसा य दियस्सप्पदेसाय अहवा एगिदियपएसा य अणिंदियप्पएसा य बेई- सू ५८३ || दियाण य पएसा, एवं आदिल्लविरहिओ जाव पंचिंदियाणं, अजीवा जहा दसमसए तमाए तहेव निरवसेसं ॥ लोगस्स णं भंते ! हेहिल्ले चरिमंते किं जीवा पुच्छा ?, गोयमा ! नो जीवा जीवदेसावि जाव अजीवप्प-| एसावि, जे जीवदेसा ते नियम एगिदियदेसा अहवा एगिदियदेसा य बेइंदियस्स देसे अहवा एगिदियदेसा |य दियाण य देसा एवं मज्झिल्लविरहिओ जाव अणिंदियाणं पदेसा आइल्लविरहिया सवेर्सि जहा पुर-|| दाच्छिमिल्ले चरिमंते तहेव, अजीवा जहेव उवरिल्ले चरिमंते तहेव ॥ इमीसे णं भंते ! रयणप्पभाए पुढवीए पुरच्छिमिल्ले चरिमंते कि जीवापुच्छा, गोयमा! नो जीवा एवं जहेव लोगस्स तहेव चत्तारिवि चरिमंता |॥७१४॥ जाव उत्तरिल्ले, उवरिल्ले तहेव जहा दसमसएविमला दिसातहेव निरवसेसं, हेट्ठिल्ले चरिमंते तहेव नवरं देसे पर्चि-19 दिएसु तियभंगोत्ति सेसं तं चेव, एवं जहा रयणप्पभाए चत्तारि चरमंता भणिया एवं सक्करप्पभाएवि उवरि Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600226
Book TitleBhagwati sutram Part 03
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1921
Total Pages654
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy