SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 61
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ॐॐॐॐॐॐॐ मुयअन्नाणी सुयअन्नाणपरिगए भाचे आघवेति तं चेव । विभंगणाणस्स भंते ! केवतिए विसए पणते, गोयमा ! से समासओचउविहे पण्णते, तंजहा-दवओ४, दवओणं विभंगनाणी विभंममाणपरिगयाई दवाई जाणइ पासइ, एवं जाव भावओ णं विभंगनाणी विभंगनाणपरिगए भावे जाणह पासह ॥ (सूत्र३२२) णाणी णं भंते ! णाणीति कालओ केवचिरं होइ?, गोयमा! नाणी दुविहे पन्नत्ते, तंजहा-साइए वाअपज्जवसिए साइए वा सपज्जवसिए, तत्थ णं जे से साइए सपज्जवसिए से जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं उक्कोसेणं छावहिं सागरोवमाई सातिरेगाई। आभिणिबोहियणाणी णं भंते ! आभिणियोहिय एवंनाणी आभिणियोहियनाणी जाव केवलनाणी । अन्नाणी मइअन्नाणी सुयअन्नाणी विभंगनाणी, एएसिं दसहवि संचिट्ठणा जहा कायठिईए॥ अंतरं सर्च जहा जीवाभिगमे ॥ अप्पाबहुगाणि तिनि जहा बहुवत्तवयाए ॥ केवतिया णं भंते ! आभिणियोहियणाणपज्जवा पण्णत्ता ?, गोयमा ! अणंता आभिणिबोहियणाणपजवा पण्णत्ता । केवतिया ण भंते ! सुयनाणपजवा पण्णत्ता ?, एवं चेव एवं जाव केवलनाणस्स । एवं मइअन्नाणस्स सुयअन्नाणस्स, केवतिया णं भंते ! विभंगनाणपज्जवा पण्णत्ता?, गोयमा ! अणंता विभंगनाणपन्जवा पण्णत्ता, एएसि णं भंते ! आभिणियोहियनाणपज्जवाणं सुयनाण. ओहिनाण. मणपजवनाण केवलनाणपज्जवाण य कयरे २ जाव विसेसाहिया वा ?, गोयमा! सवत्थोवा मणपज्जवनाणपजवा ओहिनाणपजवा अणंतमुणा सुयनाणपजवा अणंतगुणा आभिणिबोहियनाणपजवा अणंतगुणा केवलनाणपज्जवा अणंतगुणा ॥ एएसिणं भंते ! मइअन्ना Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600225
Book TitleBhagwati sutram Part 02
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages664
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy