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________________ व्याख्याप्रज्ञप्तिः अभयदेवीया वृत्तिः२/ गुरुतासि 54545454545 ती! सभावओ नो परिणामओ । सवेवि णं भंते ! भवसिडिया जीवा सिज्झिस्संति ?, हंता ! जयंती : १२ शतके सधेवि णं भवसिद्धिया जीवा सिन्झिस्संति । जइ भंते ! सो भवसिद्धिया जीवा सिज्झिस्संति तम्हा गं |२ उद्देश: भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ ?, णो तिणढे समढे, से केणं खाइएणं अटेणं भंते ! एवं वुच्चइ सवेवि ण धर्मकथा पभवसिद्धिया जीवा सिजिझस्संति नो चेव णं भवसिद्धियविरहिए लोए भविस्सइ ?, जयंती! से जहाना पत्प्रतिगमः मए सपागाससेढी सिया अणादीया अणवदग्गा परित्ता परिवुडा सा णं परमाणुपोग्गलमत्तेहिं खंडेहिं सू ४४२ समये २ अवहीरमाणी २ अणंताहिं ओसप्पिणीअवसप्पिणीहिं अवहीरति नो चेव णं अवहिया सिया, द्धिसुप्तदुर्बसे तेण?णं जयंती ! एवं वुच्चइ सवेवि णं भवसिद्धिया जीवा सिज्झिरसंति नो चेव णं भवसिद्धिअविर ल अलसेत|हिए लोए भविस्सइ ॥ सुत्तत्तं भंते ! साह जागरियत्तं साह, जयंती! अत्थेगइयाणं जीवाणं सुत्तत्तं रप्रश्नाः |साहू अत्थेगतियाणं जीवाणं जागरियत्तं साहू, से केणट्टेणं भंते ! एवं वुच्चइ अत्थेगइयाणं जाव साहू, || सू४४३ जयंती ! जे इमे जीवा अहम्मिया अहम्माणुया अहम्मिट्ठा अहम्मक्खाई अहम्मपलोई अहम्मपलजमाणा अहम्मसमुदायारा अहम्मेणं चेव वित्तिं कप्पेमाणा विहरंति एएसि णं जीवाणं सुत्तत्तं साहू, एए णं जीवा | सुत्ता समाणा नो बहूणं पाणभूयजीवसत्ताणं दुक्खणयाए सोयणयाए जाव परियावणयाए वटुंति, एए णं जीवा सुत्ता समाणा अप्पाणं वा परं वा तदुभयं वा नो बहहिं अहम्मियाहिं संजोयणाहिं संजोएत्तारो भ-|| ॥५५७॥ वंति, एएसिं जीवाणं सुत्तत्तं साहू, जयंती ! जे इमे जीवा धम्मिया धम्माणुया जाव धम्मेणं चेव वित्ति Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600225
Book TitleBhagwati sutram Part 02
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages664
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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