________________
+%
A
परि०२ उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवति । कदा णं भंते ! उक्कोसिमा | अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स राईए वा पोरिसी भवइ ? कदा वा जहन्निया तिमुहुत्ता दिवसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ १, सुदंसणा ! जदा णं उक्कोसए अट्ठारसमुहत्ते दिवसे भवइ जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ तदा णं उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ जहन्निया तिमुहत्ता राईए पोरिसी भवइ, जया णं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्तिआराई भवति जहन्निए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ तदा णं उक्कोसिया अद्धपंचममुहुत्ता राईए पोरिसी भवइ जहन्निया तिहुत्ता दिवसस्स पोरिसी भवइ । कदा णं भंते ! उकोसए अट्ठारसमुहुत्ते दिवसे भवइ जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ ? कदा वा उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई भवति जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ ?, सुदंसणा ! आसाढपुन्निमाए उक्कोसए अट्ठारसमुहुत्ते | दिवसे भवइ जहन्निया दुवालसमुहुत्ता राई भवइ, पोसस्स पुन्निमाए णं उक्कोसिया अट्ठारसमुहुत्ता राई
भवइ जहन्नए दुवालसमुहुत्ते दिवसे भवइ ॥ अत्थि णं भंने ! दिवसा य राईओ य समा चेव भवन्ति ?, हंता! अत्थि, कदा णं भंते ! दिवसा य राईओय समा चेव भवन्ति ?, सुदंसणा! चित्तासोयपुन्निमासु णं, | एत्थ णं दिवसा य राईओय समा चेव भवन्नि, पन्नरसमुहुत्ते दिवसे पन्नरसमुहुत्ता राई भवइ चउभागमुहुत्तभागूणा चउमुहुत्ता दिबसस्स वा राईए वा पोरिसी भवइ, सेत्तं पमाणकाले ॥ (सूत्रं ४२५)॥ 'उक्कोसियेत्यादि, 'अद्धपंचमुहुत्त'त्ति अष्टादश मुहूर्त्तख दिवसस्य रात्रे चतुर्थो भागो यस्मादपञ्चममुहूर्ता नव
-2-%
५-१८२-
५-५.५-5
dan Education International
For Personal & Private Use Only
www.jainelibrary.org