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________________ सीओ पन्नत्ताओ ?, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा- मीणगा सुभद्दा विजया असणी, तत्थ णं एगमेगाए देवीए सेसं जहा चमरसोमस्स, एवं जाव वेसमणस्स ॥ धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिंदस्स नाग| कुमाररन्नो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ ?, अजो छ अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा - इला सुक्का सदारा | सोदामणी इंदा घणविज्जया, तत्थ णं एगमेगाए देवीए छछ देविसहस्सा परिवारो पन्नत्तो, पभू णं भंते ! ताओ | एगमेगाए देवीए अन्नाई छ छ देविसहरसाईं परियारं विउवित्तए एवामेव सपुधावरेणं छत्तीसं देविसहरसाई, सेत्तं तुडिए । पभू णं भंते ! धरणे सेसं तं चेव, नवरं धरणाए रायहाणीए धरणंसि सीहासणंसि सओ परियाओ संसे तं चैव । धरणस्स णं भंते ! नागकुमारिंदस्स कालवालस्स लोगपालस्स महारन्नो कति अग्गमहिसीओ पन्नताओ ?, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा - असोगा विमला सुप्पभा सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए अवसेसं जहा चमरस्स लोगपालाणं, एवं सेसाणं तिन्हवि । भूयाणंदस्स णं भंते ! पुच्छा, अज्जो ! छ अग्गमहिस्सीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-ख्या रूयंसा सुरूया रुयगावती रुपकंता रुयप्पभा, तत्थ णं एगमेगाए | देवीए अवसेसं जहा धरणस्स, भूयाणंदस्स णं भंते ! नागवित्तस्स पुच्छा अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पण्णत्ताओ, तंजहा-सुनंदा सुभद्दा सुजाया सुमणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अवसेसं जहा चमरलोग| पालाणं एवं सेसाणं तिन्हवि लोगपालाणं, जे दाहिणिल्लाणिंदा तेसिं जहा धरणिंदस्स, लोगपालाणंपि तेसिं जहा धरणस्स लोगपालाणं, उत्तरिल्लाणं इंदाणं जहा भूयाणंदस्स, लोगपालाणवि तेसिं जहा भूयाणंदस्स Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600225
Book TitleBhagwati sutram Part 02
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages664
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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