SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 356
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ - लोगपालाणं, नवरं इंदाणं सवेसिं रायहाणीओ सीहासणाणि य सरिसणामगाणि परियारो जहा तइयसए || १० शतके व्याख्याप्रज्ञप्तिः पढमे उद्देसए, लोगपालाणं सवेसिं रायहाणीओ सीहासणाणि य सरिसनामगाणि परियारो जहा चमरस्स उद्देशः ५ अभयदेवी- लोगपालाणं कालस्स । कालस्सणं भंते ! पिसायिंदस्स पिसायरन्नो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ?, अज्जो! अग्रमहिया वृत्तिः२४ प्यासू४०६ चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-कमला कमलप्पभा उप्पला सुदंसणा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए ॥५०४॥ द एगमेगं देविसहस्सं सेसं जहा चमरलोगपालाणं, परियारो तहेव, नवरं कालाए रायहाणीए कालंसि सीहा सणंसि, सेस तं चेव, एवं महाकालस्सवि । सुरुवस्स णं भंते ! भूइंदस्स रनो पुच्छा, अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-रूववती बहुरूवा सुरूवा सुभगा, तत्थ णं एगमगाए सेसं जहा कालस्स, एवं पडिरूवस्सवि । पुन्नभहस्स णं भंते ! जक्खिदस्स पुच्छा अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहापुन्ना बहुपुत्तिया उत्तमा तारया, तत्थ णं एगमेगाए सेसं जहा कालस्स, एवं माणिभहस्सवि। भीमस्स णं भंते ! रक्खसिंदस्स पुच्छा, अजो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-पउमा पउमावती कणमा रयणप्पभा, तस्थ णं एगमेगा सेसं जहा कालस्स । एवं महाभीमस्सवि । किन्नरस्स णं भंते ! पुच्छा अज्जो 18 चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-वडेंसा केतुमती रतिसेणा रइप्पिया, तत्थ णं सेसं तं चेव, एवं ॥५०४॥ किंपुरिसस्सवि । सप्पुरिसस्स णं पुच्छा अज्जो ! चत्तारि अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-रोहिणी नवमिया हिरी पुप्फवती, तत्थ णं एगमेगा०, सेसंतं चेव, एवं महापुरिसस्सवि। अतिकायस्स णं पुच्छा, अज्जो चत्तारि - Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600225
Book TitleBhagwati sutram Part 02
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages664
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy