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________________ समएणं समणस्स भगवओ महावीरस्स बहवे अंतेवासी थेरा भगवंतो जाइसंपन्ना जहा अहमे सए सत्तमुद्देसए जाव विहरंति । तए णं ते थेरा भगवंतो जायसड्डा जाव संसया जहा गोयमसामी जाव पजुवासमाणा एवं वयासी-चमरस्स णं भंते ! असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो कति अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ?, अन्जो ! |पंच अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तंजहा-काली रायी रयणी विजु मेहा, तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठ देवीसहस्सा परिवारो पन्नत्तो, पभू णं भंते ! ताओ एगमेगा देवी अन्नाई अहदेवीसहस्साई परिवारं विधित्तए १, एवामेव सपुष्पावरेणं चत्तालीसं देवीसहस्सा, से तं तुडिए, पभू णं भंते ! चमरे असुरिंदे असुरकु|मारराया चमरचंचाए रायहाणीए सभाए चमरंसि सीहासणंसि तुडिएणं सद्धिं दिवाई भोगभोगाई मुंजमाणे विहरित्तए १, णो तिणहे समहे, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ नो पभू चमरे असुरिंदे चमरचंचाए रायहाणीए जाव विहरित्तए १, अजो चमरस्स णं असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो चमरचंचाए रायहाणीए सभाए सुहम्माए माणवए चेझ्यखंभे वइरामएसु गोलवट्टसमुग्गएसुबहूओ जिणसकहाओ संनिक्खित्ताओ चिट्ठति, जाओणं चमरस्स असुरिंदस्स असुरकुमाररन्नो अन्नेसिं च बहूणं असुरकुमाराणं देवाण य देवीण य अचणि| जाओ वंदणिज्जाओ नमंसणिज्जाओ पूयणिजाओ सकारणिज्जाओ सम्माणणिज्जाओ कल्लाणं मंगलं देवयं चेइयं पजुवासणिजाओ भवंति तेसिं पणिहाए नो पभू , से तेणटेणं अजो! एवं वुच्चइ-नो पभू चमरे असु. |रिदे जाव राया चमरचंचाए जाव विहरित्तए । पभू णं अजो! चमरे अमुरिंदे असुरकुमारराया चमरचंचाए Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600225
Book TitleBhagwati sutram Part 02
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages664
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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