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________________ पुर्वि विमीहेत्ता पच्छा वीइवएजा पुच्विं वीइवएत्ता पच्छा विमोहेजा !, गोयमा ! पुषिं विमोहेत्ता पच्छा वीइवएज्जा णो पुष्विं वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा । महिड्डीए णं भंते ! देवे अप्पड्डियस्स देवस्स मज्झंमज्झेणं| बीइवएज्जा ?, हंता वीइबएज्जा, से णं भंते ! किं विमोहित्ता पभू अविमोहेत्ता पभू ,गोयमा! विमोहेत्तावि* पभू अविमोहेत्तावि पभू, से भंते ! किं पुविं विमोहेत्ता पच्छा वीइव इज्जा पुच्विं वीइवइत्ता पच्छा विमोहेजा ?, गोयमा! पुचिं वा विमोहेत्ता पच्छा वीइवएजा पुश्विं वा वीइवएत्ता पच्छा विमोहेजा। अप्पिड्डि-4 एणं भंते ! असुरकुमारे महड्डीयस्स असुरकुमारस्स मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा ?, णो इणढे समढे, एवं असुरकुमारेवि तिन्नि आलावगा भाणियबा जहा ओहिएणं देवेणं भणिया, एवं जाव थणियकुमाराणं, वाणमतरजोइसियवेमाणिएणं एवं चेव । अप्पड्डिए णं भंते ! देवे महिड्डियाए देवीए मज्झमज्झेणं वीइवएज्जा, णो | इणढे समढे, समड्डिए णं भंते ! देवे समिडीयाए देवीए मज्झमझेणं; एवं तहेव देवेण य देवीण य दंडओ भाणियहो जाव वेमाणियाए। अप्पडिया णं भंते ! देवी महड्डीयस्स देवस्स मज्झमझेणं एवं एसोधि तइओ दंडओ भाणियहो जाव महड्डिया वेमाणिणी अप्पड्डियस्स वेमाणियस्स मज्झमझेणं वीइवएज्जा ?, हंता वीइवएज्जा । अप्पडिया णं भंते ! देवी महिड्डियाए देवीए मज्झमझेणं वीइवएज्जा, णो इणढे समहे, एवं समडिया देवी समडियाए देवीए, तहेव, महड्डियावि देवी अप्पड्डियाए देवीए तहेव, एवं एक्कक्के तिन्नि २ आलावगा भाणियचा जाव महडिया णं भंते । वैमाणिणी अप्पड्डियाए वेमाणिणीए मज्झमज्झेणं वीइव dain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600225
Book TitleBhagwati sutram Part 02
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages664
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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