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________________ व्याख्याप्रज्ञप्तिः अभयदेवीया वृत्तिः १ शतके उद्देशः १० ॥१०॥ कवक्तव्यता स्नेहभाषा क्रियासु सू८० दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति, कम्हा? दो परमाणुपोग्गला एगयओ साहण्णंति?, दोहं परमा- णुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा दो परमाणुपोग्गला एगयओ सा०, ते भिजमाणा दुहा कजंति, दुहा कन्जमाणे एगयओ पर० पोग्गले एगयओ प. पोग्गले भवंति, तिणि परमा० एगओ साह, कम्हा? तिन्नि | परमाणुपोग्गले एग. सा. १, तिहं परमाणुपोग्गलाणं अत्थि सिणेहकाए, तम्हा तिणि परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति, ते भिजमाणा दुहावि तिहावि कजंति, दुहा कजमाणा एगओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपदेसिए खंधे भवति, तिहा कन्जमाणा तिणि परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव चत्तारिपंचपरमाणुपो० एगओ साहणित्ता २ खंधत्ताए कजंति, खंधेवि य णं से असासए सया समियं उवचिजइ य अवचिजइ | य । पुल्विं भासा अभासा भासिन्जमाणी भासा २भासासमयवीतिकंतं च णं भासिया भासा अभासा जा ||सा पुवि भासा अभासा भासिज्जमाणी भासा २ भासासमयवीतिकंतं च णं भासिया भासा अभासा साकिं || भासओ भासा अभासओ भासा ?, भासओ णं भासा नो खलु सा अभासओ भासा । पुदिव किरिया | अदुक्खा जहा भासा तहा भाणियब्वा, किरियावि जाव करणओ णं सा दुक्खा नो खलु सा अकरणओ दुक्खा, सेवं वत्तव्वं सिया-किच्चं फुसं दुक्खं कजमाणकडं कट्टु २ पाणभूयजीवसत्ता वेदणं वेदेंतीति वत्तव्वं सिया ॥ (सू०८०)॥ 'चलमाणे अचलिए'त्ति चलकर्माचलितं, चलता तेन चलितकार्याकरणात , वर्तमानस्य चातीततया व्यपदेष्टमश मा पुखि भासाअभासाओ भासा , भासकारणावि जावर SWASHASANSAR ॥१०॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600224
Book TitleBhagwati sutram Part 01
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages656
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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