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________________ एगयओ साहणंति, तिण्हं परमाणुपोग्गलाणं अस्थि सिणेहकाए, तम्हा तिषिण परमाणुपोग्गला एगयओ सा०, ते भिजमाणा दुहावि तिहावि कजंति, दुहाकजमाणा एगयओ दिवढे परमाणुपोग्गले भवति एगयओवि दिवढे पर० पो० भवति, तिहा कजमाणा तिण्णि परमाणुपोग्गला भवंति, एवं जाव |चत्तारि पंचपरमाणुपो. एगयओ साहणंति, एगयओ साहणित्ता दुक्खत्ताए कजंति, दुक्खेवि य णं से सासए सया समियं उवचिजइ य अवचिजइ य पुवि भासा भासा भासिजमाणी भासा अभासा भासासमयवीतिकंतं च णं भासिया भासा, जा सा पुदिव भासा भासा भासिज्जमाणी भासा अभासा भासासमयवीतिकंतं च णं भासिया भासा सा किं भासओ भासा अभासओ भासा, अभासओणं सा |भासा नो खलु सा भासओ भासा । पुदिव किरिया दुक्खा कजमाणी किरिया अदुक्खा किरियासमयवी. तिकंतं च णं कडा किरिया दुक्खा, जा सा पुटिव किरिया दुक्खा कज्जमाणी किरिया अदुक्खा किरियासमयवीइकंतं च णं कडा किरिया दुक्खा सा किं करणओ दुक्खा अकरणओ दुक्खा ?, अकरणओ णं सा |दुक्खा णो खलु सा करणओ दुक्खा, सेवं वत्तव्वं सिया-अकिच्चं दुक्खं अफुसं दुक्खं अकजमाणकडं |दुक्खं अकट्ट अकट्ट पाणभूयजीवसत्ता वेदणं वेदंतीति वत्तव्वं सिया ॥ से कहमेयं भंते ! एवं ?, गोयमा ! जण्णं ते अण्णउत्थिया एवमातिक्खंति जाव वेदणं वेदेति, वत्तव्वं सिया, जे ते एवमाहंसु मिच्छा ते एवमाहंसु, अहं पुण गोयमा ! एवमातिक्खामि, एवं खलु चलमाणे चलिए जाव निजरिजमाणे निजिणे, व्या०१८ Jain Education For Personal & Private Use Only M.jainelibrary.org
SR No.600224
Book TitleBhagwati sutram Part 01
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages656
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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