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________________ युर्वेदयते, तदैव तेन यदि परभवायुर्वद्धं तदा दानाध्ययनादीनां वैयर्थं स्यादिति, एतच्चायुबन्धकालादन्यत्रावसेयम् , अन्यथाऽऽयुर्बन्धकाले इहभवायुर्वेदयते परभवायुस्तु प्रकरोत्येवेति ॥ अन्ययूथिकप्रस्तावादिदमाह| तेणं कालेणं तेणं समएणं पासावच्चिज्जे कालासवेसियपुत्ते णामं अणगारे जेणेव थेरा भगवंतो तेणेव उवागच्छति २त्ता थेरे भगवंते एवं वयासी-थेरा सामाइयं ण जाणंति थेरा सामाइयस्स अट्ठ ण याणंति थेरा पञ्चक्खाणं ण याणंति थेरा पच्चक्खाणस्स अढ ण याणंति थेरा संजमं ण याणंति थेरा संजमस्स अढ ण याणंति थेरा संवरं ण याणंति थेरा संवरस्स अट्ठ ण याणंति थेरा विवेगं ण याणंति थेरा विवेगस्स अट्ठ ण याणंति थेरा विउस्सग्गं ण याणंति थेरा विउस्सग्गस्स अट्ठ ण याणंति । तए णं ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी-जाणामो ण अजो! सामाइयं जाणामो णं अजो ! सामाइयस्स अटुं जाव जाणामो णं अजो ! विउस्सगस्स अटुं। तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे थेरे भगवंते एवं वयासीजति णं अजो! तुम्भे जाणह सामाइयं जाणह: सामाइयस्स अट्ठ जाव जाणह विउस्सग्गस्स अटुं किं भे अजो! सामाइए किंभे अजो सामाइयस्स अट्टे ? जाव किं भे विउस्सगस्स अट्ठे ?, तए णं ते थेरा भगवंतो कालासवेसियपुत्तं अणगारं एवं वयासी-आया णे अजो! सामाइए आया णे अजो! सामाइयस्स अहे| जाव विउस्सग्गस्स अट्ठे । तए णं से कालासवेसियपुत्ते अणगारे धेरे भगवंते एवं वयासी-'जति भे अजो! आया सामाइए आया सामाइयस्स अट्ठे एवं जाव आया विउस्सग्गस्स अट्ठे अवहट्ठ कोहमाणमायालोभ Bain Education For Personal & Private Use Only inelibrary.org
SR No.600224
Book TitleBhagwati sutram Part 01
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages656
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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