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________________ लोयंते य सत्तमे य तणुवाए, एवं घणवाए घणोदहि सत्तमा पुढवी, एवं लोयंते एक्क्केणं संजोएयव्वे इमेहिं ठाणेहिं-तंजहा - ओवासवायघणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा । नेरइयाई अस्थिय समया कम्माई | लेस्साओ ॥ १ ॥ दिट्ठी दंसण णाणा सन्न सरीरा य जोग उवओगे । दुब्वपएसा पज्जव अडा किं पुव्वि लोयंते ? | ॥ २ ॥ पुवि भंते ! लोयंते पच्छा सव्वद्धा ? । जहा लोयंतेणं संजोइया सव्वे ठाणा एते एवं अलोयंतेणवि संजोएयव्वा सव्वे । पुव्वि भंते ! सत्तमे उवासंतरे पच्छा सत्तमे तणुवाए ?, एवं सत्तमं उवासंतरं सव्वेहिं समं संजोएयव्वं जाव सव्वडाए । पुव्विं भंते ! सत्तमे तणुवाए पच्छा सत्तमे घणवाए, एयंपि तहेव नेयव्वं | जाव सव्वद्धा, एवं उवरिल्लं एकेकं संजोयंतेणं जो जो हिट्ठिल्लो तं तं छतेणं नेयव्वं जाव अतीयअणागयद्धा | पच्छा सव्वद्धा जाव अणाणुपुब्वी एसा रोहा ! सेवं भंते ! सेवं भंतेत्ति ! जाव विहरइ ॥ (सु. ५३) भंतेत्ति भगवं गोयमे समणं जाव एवं वयासी- कतिविहा णं भंते ! लोयहिती पण्णत्ता ?, गोयमा ! अट्ठविहा लोयट्ठिती पण्णत्ता, तंजहा- आगासपइट्टिए वाए १ वायपइट्ठिए उदही २ उदही पट्टिया पुढवी ३ पुढविपट्टिया तसा धावरा पाणा ४ अजीवा जीवपइट्टिया ५ जीवा कम्मपट्टिया ६ अजीवा जीवसंगहिया ७ जीवा कम्मसंग हिया ८ । से केणट्टेणं भंते ! एवं बुच्चइ ? - अट्ठविहा जाव जीवा कम्मसंगहिया १, गोयमा ! से जहानामए- केइ | पुरिसे वत्थिमाडोवेइ वत्धिमाडोवित्ता उप्पि सितं बंधइ २ मज्झेणं गंटिं बंधइ २ उवरिल्लं गठिं मुयइ २ उव|रिल्लं देसं वामेइ २ उवरिल्लं देतं वामेत्ता उवरिल्लं देतं आउयायस्स पूरेइ २ उपिसि तं बंधइ २ मज्झिलं Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600224
Book TitleBhagwati sutram Part 01
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages656
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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