SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 128
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ व्याख्या प्रज्ञप्तिः अभयदेवी या वृत्तिः १ ॥ ६३ ॥ | विधो रसः ? इति द्वारम् इदं चैवम् - " णाणावरणिजस्स णं भंते ! कम्मस्स कतिविहे अणुभागे पण्णत्ते ? गोयमा ! दसविहे अणुभागे पण्णत्ते, तंजहा- सोयावरणे सोयविन्नाणावरणे" इत्यादि, द्रव्येन्द्रियावरणो भावेन्द्रियावरणश्चेत्यर्थः ॥ अथ कर्मचिन्ताऽधिकारान्मोहनीयमाश्रित्याह जीवे णं भंते! मोहणिजेणं कडेणं कम्मेणं उदिनेणं उवहाएज्जा ? हंना उवट्ठाएजा । से भंते । किं वीरिय त्ताए उवठ्ठाएजा अवीरित्ताए उवढाएजा ? गोयमा ! वीरियत्ताए उबट्ठाएजा नो अवीरित्ताए उवाएज्जा, जइ वीरियत्ताए उवट्टाएजा किं बालवी रित्ताए उवढाएजा पंडियवीरियन्ताए उबट्ठाएजा बालपंडियवीरित्ताए उवठ्ठाएजा ?, गोयमा ! बालवीरित्ताए उवढाएजा णो पंडियबीरियत्ताए उवढाएजा णो बालपंडियवीरियत्ताए उवट्ठाएजा । जीवेणं भंते ! मोहणिजेणं कडेणं कम्मेणं उदिनेणं अवकमेज्जा ? हंता अव - कमेज्जा, से भंते ! जाव बालपंडियवीरियत्ताए अवक्कमेजा ३१, गोयमा ! बालवीरियत्ताए अवकमेज्जा नो पंडियवीरित्ताए अवकमेज्जा, सिय बालपंडियवीरियत्ताए अवक्क मेजा। जहा उदिन्नेणं दो आलावगा तहा उवसंते| णवि दो आलावगा भाणियव्वा, नवरं उबट्टाएज्जा पंडियवीरियन्त्ताए अवक्कमेजा बालपंडियवीरित्ताए | से भंते ! किं आयाए अवक्कमइ अणायाए अवक्कमइ ? गोयमा ! आयाए अवक्कमइ णो अणायाए अवक्कमइ, मोहणिज्जं कम्मं वेएमाणे से कहमेयं भंते । एवं ? गोयमा ! पुव्वि से एवं एवं रोयइ इयाणिं से एवं एवं नो रोयह एवं खलु एवं ॥ ( सू० ३९ ) Jain Educationonal For Personal & Private Use Only १ शतके उद्देशः ४ कर्मणां प्रकृत्यादिसू. ३८ मोहनीयोद यादुपस्था नादि सू ३९ ॥ ६३ ॥ jainelibrary.org
SR No.600224
Book TitleBhagwati sutram Part 01
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages656
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy