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________________ आवश्यक ॥ १४१ ॥ पण्णरस सयसहस्सा कुमारवासो अ तीसई रज्जे । पणरस सय सहस्सा परिआओ होइ विमलस्स ॥ २८९ ॥ अमलक्खाई वासाणमणंतई कुमारते । तावइअं परिआओ रजंमी हुंति पण्णरस ॥ २९० ॥ धम्मस्स कुमारन्तं वासाणढाइआई लक्खाई । तावइअं परिआओ रज्जे पुण हुंति पंचैव ॥ २९९ ॥ | संतिस्स कुमार मंडलियचक्किपरिआ चउसुंपि । पत्तेअं पत्तेअं वाससहस्साई पणवीसं ॥ २९२ ॥ एमेव य कुंथुस्सवि चउसुवि ठाणेसु हुंति पत्तेअं । तेवीससहस्साई वरिसाणमसया य ॥ २९३ ॥ एमेव अरजिणिंदस्स चउसुवि ठाणेसु हुति पत्ते । इगवीस सहस्साई वासाणं हुंति णायव्वा ॥ २९४ ॥ मल्लिसवि वाससयं गिहवासे सेसअं तु परिआओ । चउपण्ण सहस्साइं नव चैव सयाह पुण्णाई ॥ २९५ ॥ अट्टमा सहस्सा कुमारवासो उ सुव्वयजिणस्स । तावइअं परिआओ पण्णरससहस्स रज्जमि ॥ २९६ ॥ नमिणो कुमारवासो वाससहस्साइ दुण्णि अद्धं च । तावइअं परिआओ पंच सहस्साई रज्वंमि ॥ २९७ ॥ तिण्णेव य वाससया कुमारवासो अरिट्ठनेमिस्स । सत्त य वाससयाई सामण्णे होइ परिआओ ।। २९८ ॥ पासस्स कुमारन्तं तीसं परिआॐ सत्तरी होइ । तीसा य वज्रमाणे बायालीसा उ परिआओ ॥ २९९ ॥ आद्यानां सुविधिपर्यन्तानामनुपरिपाठ्येयं श्रामण्यपर्यायगाथा - तद्यथा उसभस्स पुव्वलक्खं पुर्व्वगूणमजिअस्स तं चैव । चउरंगूणं लक्खं पुणो पुणो जाव सुविहित्ति ॥ ३०० ॥ सेसाणं परिआओ कुमारवासेण सहिअओ भणिओ । पत्तेअपि अ पुत्र्वं सीसाणमणुग्गहट्ठाए ॥ ३०१ ॥ Jain Education International For Personal & Private Use Only * हारिभद्रीयवृत्तिः विभागः १ ॥ १४१ ॥ www.jainelibrary.org
SR No.600220
Book TitleAavashyaksutram Part 01
Original Sutra AuthorHaribhadrasuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1916
Total Pages514
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_aavashyak
File Size10 MB
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