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नहीं, करूं, नहीं, कराऊं, करतेहुएभी,अन्यकुं,नहीं,अनुमोदूं(भला समझू),उसकुं,हेभगवन् !, पडिक्कमताहूं, निंदताहूं, गर्हताहूं, कन,करेमि, न.कारवेमि,करंतंपि,अन्नं, न,समणुजाणामि, तस्स, भंते !, पडिक्कमामि,निंदामि,गरिहामि, ३आत्माकुं, बोसिराताहूं। वह, प्राणातिपात, चारतरहका, कहाहै,वे भेद ये है-द्रव्यसे, क्षेत्रसे, कालसे, भावसे । अप्पाणं वोसिरामि। से,पाणाइवाए,चउव्विहे,पन्नत्ते,तंजहा-दव्वओ,खित्तओ,कालओ.भावओ।
द्रव्यसे, प्राणातिपात ,छतरहके,जीवोंके,समुदायमें। क्षेत्रसे, प्राणातिपात, सब लोकमें। कालसे, प्राणातिपात, दव्वओणं,पाणाइवाए-छसु,जीव,निकाएसु।खित्तओणं,पाणाइवाए,सव्वलोए । कालओणं,पाणाइवाएदिनमें,चाहे, रात्रिमें। भावसे, प्राणातिपात, रागसे,अथवा, द्वेषसे, जो, भी,फेर. मैंने, इस, धर्मको(पाये), केवलीके, दिया, वा,राओवा। भावओणं,पाणाइवाए,रागेण,वा,दोसेणवा,जं,पि,य.मए, इमस्स,धम्मस्स, केवलि,
कहे हुए। जोवरक्षा, लक्षणवाले । सत्यसे अधिष्ठित(आश्रित)। विनय, मूलवाले । क्षांति(क्षमा),प्रधानवाले। नहीं हिरण्य(रूपा), पन्नत्तस्स। अहिंसा.लख्खणस्स। सच्चाऽहिठ्ठियस्स ।विणय.मलस्स। खंति.प्पहाणस्स। अहिरण, | सोनेके दागिनेवाले। उपशमसे,पैदा होनेवाले । नव(वाड)ब्रह्मचर्यसे,रक्षित। अपचमान। भिक्षाकी, वृत्ति(जीविका)वाले। सोवण्णिअस्स ।उवसम.प्पभवस्स। नवबंभचेर,गुत्तस्स। अपयमाणस्स। भिख्खा, वित्तिअस्स। 1 हिंसारूप पापकु। २ उससे पौछा हटताई। ३ पापकारी मेरी। ४ वह है. जो। ५ होता है। ६ पचन पाचनादि आरंभ रहित ।
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