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________________ 5555555 इग्यारस पार्थ योगि नामानिने ध्याया, वो कंचन सिद्धि पाया। श्रीमद अभयदेव मृरिराया, प्रभु स्तवने कुष्ट मिटाया रे, मैं नगर०,प्रभु ११७ पार्च ४१ अब इतनी अरजी मेरी,प्रभु ! लिजिये आप सवेरी। जिन ! केशर'शरणे तोरे,मिटादो भक्के फेरे रे,मैंनगर०,प्रभु पार्थ श्रीमल्ली त्रिभुवन धणी, जन्म दिक्षा ने ज्ञान । कल्याणक एकादशी, मागसर सुदि मन आण ।। अर पारस दीक्षा ग्रही. जएकादशो दिन जाण। ऋषभ अजित मुमति नमि, पाम्यो केवलज्ञान ।। पद्मप्रभु शिवपुर लह्यो, एकादशी अति रूडि । इग्यारे वंदन अंग आराधवा, ए तिथि नहीं कूडी । इग्यारे गणधर थया, द्वादश अंग रचनार । 'कृपाचंद्र मूरि!' सेवतां पामे भवनो पार ।४। अरनाथ जिनेसर दीक्षा नमिजिन ज्ञान, श्रीमल्लि जनम व्रत केवलज्ञान प्रधान। इग्यारस मिगसर मुदि उत्तम अवधार, ए पंच कल्याणक समरीजे जयकार 21 इग्यारे अनुपम एक अधिक गुणधार, इग्यारे बारे प्रतिमा देशक धार । इग्यारे दुगुणा ११८ दोय अधिक जिनराय, मनमधे सेच्यां सब संकट मिट जाय । जिहां बरस इग्यारे कीजे व्रत उपवास, वलि गुणनो गुणिये विधिसेति मुविलास । जिन आगम वाणी जाणी जगत प्रधान, एक चित्त आराधो साधो सिद्ध विधान ।। मुर अमुर भवण वण सम्यग् दरिसणवंत, 'जिनचंद्र' मुसेवक वेयावच करंत । श्रीसंघ सकलमें आराधक बहु जाण, जिनशासन देवी देव करो कल्याण ।। महीमंडणं पुण्णसोवष्णदेई, जणाणंदणं केवलनाणगेहैं। महाणंदलच्छी बहबुद्धिरायं, मुसेवामि सीमंधरं तित्थरायं ।। पुरा तारगा जेह जीवाण जाया, भविस्संति जे सच भव्वाण ताया। तहा संपयं जे जिणा वट्टमाणा, मुह दिंतु ते मे तिलोय पहाणा । दुरुत्तारसंसारकवारपोयं, कलंकाऽऽवलि पंकपरखालतोय । मणोवंछियत्थे सुमंदारकप्पं, जिणिदाऽऽगम बंदिमो मुमहप्पं ।। १२.जा विकोसे जिणिदाऽऽणणंभोगलीणा। कलारूवलावष्णसोहागपीणा। वहंतस्स चित्तमि णिचंपि झाणं । मुरि भारहि ! देहि मे मुद्धनाणं ।४। पंचानंतामुमपंच परमानंदप्रदानक्षम, पंचानुत्तरसीमदिव्यपदवी वश्याय मंत्रोपमं । येन प्रोवलपंचमी बरतपो व्याहारि तत्कारिणां, FES 1455555555555515ht: सीमंधर १११॥ पंचतीथुइ Jain Education n ational For Personal & Private Use Only urunchinesbrary.org.
SR No.600211
Book TitlePanch Pratikraman Sutra
Original Sutra AuthorSiddhachal Kalyan Bhuvan tatha Surat
Author
PublisherSiddhachal Kalyan Bhuvan tatha SUrat Nava Upasarana Aradhak
Publication Year1933
Total Pages192
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size18 MB
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