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________________ बदायचरिप विसयाणु| कमणिगा ॥२०॥ पसंगा हियाए वीरमईए दइव्वं पइ उवालभो तह य तीए आसासण? कत्तो वि तत्थ सुगस्सागमणं, 'पविखणो वि परु वयारपरा हुति', सुगस्स वीरमईए उवायदसणं, १२-१६॥ ७-वीरमईए कज्जसिद्धीए निग्गमणं, अच्छर साओ गयणगामि णीपमुहविज्जाणं संपत्ती, वीरमईए विज्जासाहणं १६-२१॥ ८-चंदकुमारस्स गुणावलीए सह विवाहो २१॥ ९-वीरसेणनरवइणो वेरग्गं, चंदकुमारस्स रज्जं दाऊणं चंदा वईए संजुओ वीरसेण-नरिंदो दिक्खं गिण्हेइ, कमेण य निव्वाणसुहं पावेइ २१-२३। १०-विज्जाबलगव्वियवीरमईए चंदरायस्स पुरओ नियसत्तीए वण्णणं, वीरमईए कवडवयणेहि गुणावली साहीणा कया, वीरमईए गुणावलीए पुरओ देसंतरगमणटुं वयणजुत्तीओ, २४-३४॥ ११-वीरमईकयविमलापुरीए वण्णणं, वीरमईकयदेवाराहणवसेण चंदनरिंदस्स सिग्धं गेहे आगमणं ३५-३७। १२-चंदनरिंदस्स कवडनिहाए सयणं, सयणम्मि सुत्तं चंदरायं दणं गुणावलीए वीरमईए समीवम्मि आगमणं, वोरमई पसंगा पुढेका वयणेण वत्थनिम्मियपुरिसागिइसहियचंदरायसेज्जं तिक्खुत्तो कंवाए पहरिऊणं गुणावलीए पच्छा आगमणं ३७-१०॥ १३-विमलापुरीए गमणाय पारंभो, मग्गम्मि समागय-अट्ठावया इतित्थाणं लवणसमुद्दस य वण्णणं गुणावलीपुरओ वीरमईए कयं ४१-४४ १४-गुणावलीसहियवीरमईए तह य पच्छण्णभावेण चंदरायस्स विमलापुरीए दुवारम्मि आगमणं इअ पढमो उद्देसो। बिइय-उद्देसेपसंगा पुढेका १-पओलिदुवारम्मि रायसेवगेहि सह चंदरायस्स संगमो विवाओ अ ४७-४८ २- सेवगेहि समं चंदरायस्स सिहलरायसहाए आगमण, सिंह लरायकयसम्माणं च। चंदरायस्स सरचसरूववियाणाय सिंहलनरिंदस्स विण्णत्ती, हिंसगमंति-पमुहनिबंधवसेण चंदनिवस्स किचि वि नियसरुवपयडणं ॥२०॥ Jein Education Inter For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600181
Book TitleSiri Chandrai Chariyam
Original Sutra AuthorKastursuri, Chandrodayvijay
Author
PublisherNemi Vigyan Kastursuri Gyanmandir
Publication Year1971
Total Pages318
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size6 MB
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