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स्वोपज्ञवृ- सूत्राणि-"भिक्खू य इच्छिज्जा अण्णं आयरियउवज्झायं उदिसावित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गुरुतत्त्वत्तियुतःअन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, विनिश्चयः तृतीयो- ते असे वितरेजा एवं से कप्पइ अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, ते असे णो वितरिजा एवं से णो कप्पइ अन्नं लासः
आयरिअउवज्झायं उद्दिसावित्तए, नो से कप्पइ तेसिं कारणं अदीवित्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, कप्पइ से | ॥१४७॥
तेसिं कारणं दीवित्ता जाव उद्दिसावित्तए १ । गणावच्छेइए अ इच्छिज्जा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, नो से है। कप्पइ गणावच्छेइयत्तं अणिक्खिवित्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, कप्पड़ से गणावच्छेइअत्तं णिक्खिवित्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेइ वा अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता जाव उदिसावित्तए, नो से कप्पइ तेसिं कारणं अदीवित्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उदिसावित्तए, कप्पइ से तेसिं कारणं दीवित्ता जाव उद्दिसावित्तए २ । आयरियउवज्झाए अ इच्छेज्जा अन्न। आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, नो से कप्पड़ आयरियउवज्झायत्तं अणिक्खिवित्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उदिसावित्तए, कप्पइ से आयरियउवज्झायत्तं णिक्खिवित्ता अन्नं आयरियउवज्झायं उद्दिसावित्तए, णो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरिअंवा जाव गणावच्छेइ वा अण्णं आयरियउवज्झायं उहिसावित्तए, कप्पड़ से आपुच्छित्ता आयरिअं वा जाव गणावच्छेइ वा अण्णं आयरियउवज्झायं उदिसावित्तए, ते असे वितरंति एवं से कप्पड़ जाव उद्दिसावित्तए, ते असे ॥१४७॥ णो वितरंति एवं से णो कप्पइ जाव उद्दिसावित्तए, णो से कप्पइ तेसिं कारणं अदीवित्ता अण्णं आयरियउवज्झायं उद्दि
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