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________________ रायपसेणइय सुत्तनो सार राजा पएसीनी कथा 'केकयि' नामनो अधो [१४२] हे गौतम ! एम छे के आ जंबूद्वीप नामना द्वीपमा भारतवर्षमा केकयिअर्ध" नामे जनपद, धन अने धान्य वगेरेनी आयदेश विभूतिथी परिपूर्ण हतो. ते देशमां सर्व प्रकारनां सुखनुं धाम एवी सेयविया" नामनी नगरी हती. ते नगरीथी यहार उत्तरपूर्वना अने सेय ९० जैन शोस्रोमा २५|| आर्य देशोनां तथा ते दरेक देशनी एक एक राजधानीनां नाम प्रसिद्ध छे. २५ देशो तो आखेआखा आर्य विया नगरी हता अने 'केकयि' देश अडधो आर्य हतो एम ए शास्त्र सूचवे छे. बौद्धग्रंथोमा य 'केकय देशनो उल्लेख छे. ते देशवें वर्तमान स्थान उत्तरमा पेशावर तरफ वही शकाय. पण तेनी चोक्कस सीमा कळी शकाती नथी. मूळ पाठमा 'केइयअद्धे' एबुं छपाएलु छे अने टीका |॥१७॥ कारे ("केकयी नाम अर्धम्"-पृ० ११४ ) लखीने ते मूळ शब्दनी व्याख्या आपी छे. टीकानो उल्लेख जोतां मूळ पाठ 'कइय'ने बदले 'केअई' के 'केयई' होय तो शुद्ध पाठ कहेवाय. राजा दशरथनी एक राणीनु 'वैकयी' नाम ते, आ केकय देशनी हती माटे 'कैकयी' पडधुं जगाय छे. ९१ आ नगरीने 'केकय' देशनी राजधानी तरीके सूत्रोमा वर्णवेली छे. 'सेयविया' नो संस्कृत पर्याय टीकाकारे 'श्वेतम्बी' सूचवेलो छे. आ-१० वश्यक सूत्र (पृ० १९७ विभाग १) मा जणावेलु छे के "छद्मस्थ भगवान महावीर विहार करता करता उत्तरचावाल के उत्तरवाचाल प्रदेशमा गया, त्यांची 'सेयबिया' गया, त्यां ते नगरीना श्रमणोपासक राजा परदेशीए भगवाननो महिमा को अने पछी त्यांथी भगवान सुरभिपुर पहांच्या | आ नगरी वर्तमानमा कयां छे तेनी हकीकत मळी नथी. दीघनिकाय नामना बौद्ध ग्रंथमा आवेला पायासिसुत्तमां आ नगरोने 'सेतव्या' नामथी in Educatanem For Private & Personal Use Only wijainelibrary.org
SR No.600148
Book TitleRaipaseniya Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1938
Total Pages536
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_rajprashniya
File Size11 MB
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