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________________ १'आमल रायपसेणइय सुत्तनो सार श्रीरायपसेणइय सुत्तनो सार कप्पा' नगरीन वर्णन ॥१॥ [१] ते काले ते समये आमलकप्पा' नामे नगरी हती. १ भगवान महावीरे जे नगरीओमा चोमासां कर्या छे तेमां आ नगरीनुं नाम नथी, तेम सूत्रोमा जणावेली-आर्यदेशनी-राजधानीओर्मा आ नगरौनी गणना नथी. भगवाने पोतानी साधनाना काळमां ज्या ज्या विहार कर्यो छे तेमां पण 'आमलकप्पा' नो उल्लेख नथी, तेथी ५ 'आमलकप्पा' नगरी विशे कोइ विशेष जाणवा जेबी नोंधो नथी मळती. स्थितप्रज्ञ थया पछी भगवाने जे विहार कयों छे तेमा आ नगरीनी गणना थइ शके एम छे ए, आ 'रायपसेणइय' ना उल्लेखथी सूचित थाय छे. आ नगरी हालमा क्या छे ! तेनुं वर्तमान नाम शुं छे! ए, मगधदेशमा छे के बीजा कोइ देशमा छे ! ए बधी बाबतो अद्यावधि अंधारामा ज छे. टीकाकार मलयगिरि 'आमलकप्पा'नो संस्कृत पर्याय 'आमलकल्पा' जणावे छे. आ सूत्रमा जे जे विशेष नामो आवे छे ते जेमनां तेमप्राकृत-राखीने अनुवादमा प्रयोज्यां छे. कोइ पण प्रामाणिक आधार विना मूळ प्राकृत नामोनुं संस्कृत स्पांतर करवा जता अर्थातर थवानो १० भय रहे छे. JainEducation For Private Personel Use Only Hw.jainelibrary.org
SR No.600148
Book TitleRaipaseniya Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1938
Total Pages536
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_rajprashniya
File Size11 MB
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